विकास कुमार।
1991 में जींद हरियाणा से हरियाण पुलिस में बतौर सिपाही भर्ती हुए अशोक सांसी पुत्र दीपाराम को पुलिसिया सिस्टम से ऐसा मोह भंग हुआ कि उसने अपना लुटेरा गैंग बना लिया जो चलती ट्रेनों में यात्रियों को लूटने और उनका सामान चोरी करने की वारदातों को अंजाम देता था। हालांकि, अशोक को हरियाणा पुलिस ने वर्ष 2007 में नौकरी से बर्खास्त कर दिया था। लेकिन उसकी आपराधिक गतिविधियां हरियाणा से लेकर पंजाब, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तराखण्ड तक पहुंच गई थी।
हरिद्वार जीआरपी को भी अशोक सांसी की पिछले पांच साल से तलाश थी, जिसने अपने गिरोह के साथ कई वारदातों को अंजाम दिया था। आखिरकार अशोक सांसी को पुलिस जाल बिछाकर पकडने में कामयाब हो पाई। जीआरपी थाने में अशोक की गिरफ्तारी का खुलासा करते हुए जीआरपी एसपी मंजूनाथ टीसी ने बताया कि अशोक सांसी गिरोह का नामी सदस्य है, जिसके अंडर में कई वारदातों को अंजाम दिया जाता रहा है। हरिद्वार जीआरपी पुलिस को पांच साल से अशोक की तलाश थी, जिसे कडी मशक्कत के बाद पुलिस ने पकडा है। टीम में एएसपी जीआरपी मनोज कत्याल, थाना प्रभारी अनुज सिंह, एसएसपी विनोद कुमार आदि शामिल रहे।
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स्कॉलरशिप स्कैम में देहरादून के जिला समाज कल्याण अधिकारी गिरफ्तारी
वहीं दूसरी ओर एससी एसटी स्कालरशिप घोटोल की जांच कर रही। एसआईटी ने देहरादून के तत्कालीन जिला समाज कल्याण अधिकारी राम अवतार सिंह को गिरफ्तार किया गया है। राम अवतार सिंह पर आरोप था कि उन्हें अपने पद का दुरुपयोग करते हुए छात्रों की छात्रवृत्ति सीधे कॉलेज को दे दी गई। रात अवतार सिंह पर पुलिस ओम संतोष प्राइवेट आईटीआई चक हराथी, जनता रोड, सहारनपुर यूपी की तफ्तीश के जरिए पहुंची, जिसमें संस्थान के संचालक अनिल सैनी ने समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से वर्ष 2012.13 और 2013—14 में करीब 27 लाख रुपए की स्कॉलरशिप फर्जी दाखिले दिखाकर हडप ली। राम अवतार सिंह करीब आठ साल पहले रिटायर हो चुके हैं और अब उनको गिरफ्तार किया गया है।