विकास कुमार।
उत्तराखण्ड के चंपावत के थाना लोहाघाट में जनहित निधि प्राइवेट लिमिटेड कंपनी पर स्थानीय लोगों की लाखों रुपए की जमा पूंजी जमा कर भागने का आरोप है। इस मामले में मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने कंपनी की डायरेक्टर को गिरफ्तार किया है। जबकि कंपनी के दूसरे शेयर होल्डर व अन्य कर्मचारी फरार बताए जा रहे हैं।
टनकपुर कोतवाली पुलिस ने बताया कि पार्वती कलौनी महाप्रबन्धक जनहित निधि प्रा० लि० शाखा टनकपुर ने आरोप लगाया कि जनहित निधि प्रा० लि० कम्पनी के M.D एंव अन्य डायरेक्टरस् के विरूद् कम्पनी के द्वारा खाताधारको की ज़मा पूंजी धोखाधडी से लेकर फरार हो गए। पुलिस ने इस मामले में अजय कुमार यादव, अभिषेक यादव, ममता यादव रवीश कुमार, प्रीतम सिंह और सरिता केसरवानी सभी निवासी मुरादाबाद के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। पुलिस ने इस मामले में कंपनी की डायरेक्टर ममता यादव पत्न अजय यादव को थाना सिविल लाइन थाना कांठ मुरादाबाद से गिरफ्तार कर लिया है। वहीं कंपनी के अन्य डायरेक्टरों और एमडी की तलाश की जा रही है।
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क्या होती है निधि कंपनी
निधि कंपनी एक तरह की गैर वित्तीय कंपनी होती है जो अपने खाताधाराकों की जमा पूंजी करती है और अपने ही सदस्यों को बहुत कम ब्याज दरों पर लोन भी देती है। पूरे भारत में इस तरह की कंपनियों का चलन पिछले कुछ सालों में बढा है। उत्तराखण्ड में भी कई निधि कंपनियां चल रही हैं। हरिद्वार में भी कई निधि कंपनियां चलन में हैं।निधि कंपनी शुरू करने के लिए कम से कम 200 खताधारक यानी मेंबर होने चहिये साथ ही 5 लाख का कम से कम फण्ड होना चाहिए। निधि कंपनी सिर्फ अपने सदस्यों को हो ऋण दे सकती है। हालांकि सरकार ने निधि कंपनी से जुड़ने से पहले लोगों को आगह भी किया है क्योंकि पिछले कुछ समय मे निधि कंपनी के जरिये धोखाधड़ी के मामले काफी सामने आए हैं।