विकास कुमार।
हरिद्वार में बसपा ने एन वक्त पर अपना उम्मीदवार बदलकर दर्शन लाल की जगह युनूस अंसारी को दे दिया है। यहां कांग्रेस अनुपमा रावत को उम्मीदवार बनाया है। दोनों ने ही अपना नामांकन कर दिया है। चूंकि हरिद्वार ग्रामीण पर मुस्लिम मतदाता निर्णायक भूमिका में हैं और मुसलमानों में भी अंसारी समाज वजूद में है। युनूस अंसारी का टिकट होना इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि हरिद्वार ग्रामीण से अंसारी समाज के कई नेता टिकट मांग रहे थे और स्थानीय की बात पर समाज को एकजुट कर रहे थे।
चूंकि कांग्रेस का वोट बैंक भी मुस्लिम हैं ऐसे में युनूस अंसारी के मैदान में आने के बाद मुसलमानों के बाद विकल्प हो गया है। वरिष्ठ पत्रकार रतनमणी डोभाल बताते हैं कि अनुपमा रावत के लिए हरीश रावत ने इस बार कई अंसारी नेताओं को कांग्रेस में ज्वाइनिंग कराई थी। दर्शन लाल अगर चुनाव लडते तो अनुपमा रावत के पास मुस्लिम मतदाताओं में मेहनत ज्यादा नहीं करनी पडती। लेकिन अब उन्हें अन्य वोट बैंक के अलावा मुसलमानों को साधने में भी पसीना बहाना पडेगा। चूंकि समय ज्यादा नहीं है ऐसे में कांग्रेस के सामने कई चुनौतियां हैं।
वरिष्ठ पत्रकार करण खुराना बताते हैं कि युनूस अंसारी पुराने नेता हैं और स्थानीय के मुद्दे पर अनुपमा रावत के आने से नाराज मुस्लिम मतदाता बसपा के हाथी की सवारी कर सकते हैं। अगर ऐसा हुआ तो ये 2017 वाली स्थिति हो जाएगी जब हरीश रावत के सामने मुकर्रम अंसारी आ गए थे या यूं कहें कि मुकर्रम अंसारी के सामने हरीश रावत आ गए थे। अगर ऐसा हुआ तो कांग्रेस को एक बार फिर नुकसान उठाना पड सकता है।
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एन वक्त पर टिकट होने का नुकसान भी हो सकता है
चूंकि युनूस अंसारी का नामांकन के आखिरी दिन टिकट फाइनल हुआ। ऐसे में कांग्रेस समर्थक ये इस बात को सोशल मीडिया पर प्रचारित कर रहे हैं कि युनूस अंसारी का टिकट भाजपा प्रत्याशी स्वामी यतीश्वरानंद के कहने पर किया गया है और इसमें बडी डील हुई है। हालांकि, टिकट एन वक्त पर बदलने का क्या कारण रहा ये तो बसपा ही बता सकती है लेकिन कांग्रेस इस बात को सोशल मीडिया पर अपना चुनाव बनाने के रुप में कर रही है।
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