विकास कुमार।
भेल रानीपुर पर कांग्रेस और भाजपा में सीधा मुकाबला है। यहां आदेश चौहान दो बार के विधायक हैं और एंटी इंकम्बेंसी से जूझ रहे हैं। वहीं कांग्रेस प्रबंधन की कमी से दो चार है लेकिन भेल और सिडकुल के श्रमिकों का साथ मिलने के कारण कांग्रेस ने इस सीट पर कांटे का मुकाबला बना दिया है।
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क्या कहते हैं सिडकुल के श्रमिक
सिडकुल के श्रमिक नेता और मजदूर हितों के लिए बडा आंदोलन चलाने वाले श्रमिक नेता महावीर रावत ने बताया कि जब सिडकुल की कंपनियों में शोषण के खिलाफ मजदूर और उनके परिवार सडकों पर थे तो विधायक आदेश चौहान प्रबंधन के साथ खडे थे। हम पर मुकदमें कराए जा रहे थे। ये बात हम भूले नहीं है। जहां तक कांग्रेस के राजबीर सिंह चौहान का सवाल है तो उन्होंने हमारी आवाज बनने का काम किया और हमारी आवाज उठाई। इसलिए इस चुनाव में हम अपने श्रमिक नेता के साथ खडे हैं। वहीं श्रमिक नेता अश्विन कुमार ने बताया कि सिडकुल में लगातार मजदूरों को ठेकेदारी प्रथा के तहत रखा जा रहा है। नौकरियां जा रही है और मजदूरों को उनका हक नहीं मिल रहा है। पिछले चुनाव में सभी मोदी लहर में भाजपा के पास गए थे। लेकिन मजदूरों की आजाव स्थानीय जनप्रतिनिधि ने नहीं उठाए। इसलिए सिडकुल के मजदूर अब पूरी तरीके से राजबीर सिंह चौहान के साथ खडे हैं। उन्होंने कहा कि हमारे आंदोलनों में जो श्रमिकों के साथ खडा होगा हम उसी का साथ देंगे। जो प्रबंधन के साथ खडा रहा उसके नहीं।
वहीं सिडकुल के मजदूर रोहित नेगी ने बताया कि महंगाई चरम पर है और मजदूरी कुछ नहीं मिल पाती है। हम जैसे तैसे पेट पाल रहे हैं। आवाज उठाने पर लोगों को नौकरी से निकाल दिया जाता है। कहीं ओर नौकरी नहीं मिलती है। प्रशासन और जनप्रतिनिधि भी प्रबंधन का ही साथ देते हैं। ऐसे में हम सोच समझकर ही वोट करेंगे।
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सिडकुल में करीब दस हजार मजदूर रहते हैं
रानीपुर सीट पर करीब दस हजार मजदूर रहते हैं जो सिडकुल में काम करते हैं। श्रमिक नेता अश्वनी कुमार ने बताया कि सिडकुल के मजदूरों के सामाने महंगाई, बेरोजगारी, ठेकेदारी प्रथा और प्रबंधन का शोषण बडा मुद्दा है। इसके अलावा जहां मजदूर रहते हैं उन कॉलोनियों में मलूभूत सुविधाओं का भी बहुत बुरा हाल है।
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