Nagar Nigam Haridwar हरिद्वार नगर निगम सीट सामान्य होने की आस लगाए बैठे भाजपा और कांग्रेस के दर्जन भर नेताओं के सपने सीट ओबीसी महिला आरक्षित होने के चलते चकनाचूर हो गए। लंबे समय से मेयर की तैयारी कर रहे नेताओं को बड़ा धक्का लगा है। अब सोशल मीडिया पर ये चर्चा चल रही है कि किसने इन नेताओं के सपनों के साथ खिलवाड़ किया है। कुछ इशारों ही इशारों में नगर विधायक मदन कौशिक पर निशाना साध रहे हैं तो कुछ इसके पीछे बड़ी रणनीति होने की बात कह रहे हैं। वरिष्ठ पत्रकार क्या कहते हैं आइये जानते हैं।
मदन कौशिक पर लग रहे आरोप
वरिष्ठ पत्रकार आदेश त्यागी कहते हैं कि हरिद्वार सीट महिला से महिला ओबीसी होने की संभावना किसी ने नहीं लगाई थी। सबको लगता था कि ये सीट इस बार सामान्य होगी और कई बड़े नेता तैयारी भी कर रहे थे। इनमें पहले महापौर मनोज गर्ग, विकास तिवारी, विशाल गर्ग, अन्नु कक्कड, राजकुमार अरोडा, संजय गुप्ता, आरती नैयर, सुनील अग्रवाल कांग्रेस से अशोक शर्मा, अरविंद शर्मा आदि शामिल थे। सोशल मीडिया पर जो गुस्सा दिख रहा है वो मदन कौशिक की ओर इशारा कर रहा है। Nagar Nigam Haridwar
इसके पीछे तर्क ये दिया जा रहा है कि मदन कौशिक नहीं चाहते कि हरिद्वार में कोई दूसरा नेता पैदा हो। इस तर्क में मजबूती भी लगती है क्योंकि कमल जौरा से लेकर अब तक की स्थिति कुछ ऐसी ही रही है। लेकिन अगर मदन कौशिक के इशारे पर ये हुआ भी होगा तो साबित कैसे करोगे। ये सब रोस्टर के आधार पर ही हुआ है। लेकिन राजनीति में आरोप प्रत्यारोप तो चलते रहते हैं अब चूंकि मदन कौशिक पुराने नेता है तो अच्छा हो या बुरा सारा ठीकरा उन पर ही फुटेगा।
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कोई नहीं चाहता कि नया नेता उन्हें चुनौती दे
वरिष्ठ पत्रकार कुणाल दरगन बताते हैं कि राजनीति एक ऐसा खेल है जहां हर कोई खुद को असुरक्षित महसूस करता है। इसी भावना के चलते कोई नहीं चाहता कि उनके सामने कोई चुनौती बने। खासतौर पर अपनी ही पार्टी में नया शक्ति केंद्र नेता बर्दाश्त नहीं करते हैं। मदन कौशिक भी अगर ऐसा करते हैं तो इसमें कोई बुराई नहीं है। ये दुनिया से लेकर देश और स्थानीय स्तर पर पहले से होता आया है और आगे भी होता रहेगा। Nagar Nigam Haridwar
राजनीति में मौका बनाना पड़ता है
वरिष्ठ पत्रकार रतनमणी डोभाल कहते हैं कि राजनीति में सब्र के साथ—साथ इस बात पर भी ध्यान रखना होता है कि आपके नजदीक भविष्य में क्या समीकरण होने की संभावना है। अब जो नेता सीट सपने चकनाचूर होने का रोना रो रहे हैं वो पहले कहां थे।
उनका नेटवर्क क्या कर रहा था। सिर्फ मदन कौशिक या अन्य किसी नेता को दोष देना ठीक नहीं है। खुद भी सतर्क और बाखबर रहने की जरुरत होती है। समय रहते दौड धूप कर ली जाती तो शायद सपने चकनाचूर नहीं होते। खैर अब ओबीसी महिला के पास मौका है कि वो लीडरशिप खडी करके दिखाए। इसमें सामान्य वर्ग के नेताओं के पास भी मौका है कि वो इसमें साथ दें। Nagar Nigam Haridwar
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