कॉंग्रेस प्रत्याशी विरेंद्र रावत के समर्थन में शायर और कॉंग्रेस के राज्यसभा सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने हरिद्वार के कलियर में जनसभा की। लेकिन प्रियंका गांधी की तरह ही इमरान ने भी ना तो बेलड़ा प्रकरण पर मुंह खोला और ना ही हल्द्वानी की बात की।
हालांकि अधिकतर नौजनवान कॉंग्रेसी नेता से ज्यादा एक शायर को सुनने पहुंचे थे और इमरान ने उन्हें निराश भी नहीं किया, शायरी सुनाकर संविधान बचाने की कसम खिलाकर चलते बने। लेकिन अपने मुद्दों पर कॉंग्रेसी नेता के गंभीर भाषण को सुनने गए जुम्मन मियां को मायूसी हाथ लगी।
बेलड़ा और हल्द्वानी पर बात करने से क्यों घबराते हैं कॉंग्रेसी नेता
बड़ा सवाल ये है कि कॉंग्रेस के नेता दलित और अल्पसंख्यकों के मुद्दों पर बात करने से क्यों बचते हैं। कार्यक्रम में मौजूद शहजाद ने बताया कि कॉंग्रेस नेता दलित और अल्पसंख्यकों के मसलों पर बोलते हुए बचते हैं।
लेकिन जब इमरान प्रतापगढ़ी अंकिता भंडारी हत्याकांड पर आवाज उठा सकते हैं तो बेलड़ा और हल्द्वानी प्रकरण भी कानून व्यवस्था से जुड़ा मुद्दा है, इन मुद्दों पर चुप्पी क्यों। हालांकि हम अंकिता भंडारी हत्याकांड का दूसरे प्रकरणों में परिवारों को इंसाफ मिलने के पक्ष में हैं। लेकिन कॉंग्रेस अल्पसंख्यकों और बहुजन समाज के वोटों पर दावा तो करती है लेकिन उनके मसलों और समस्याओं पर कुछ नहीं बोलती। ये कॉंग्रेस और इसके नेताओं का दोहरा चरित्र है।
इमरान प्रतापगढ़ी
इमरान प्रतापगढ़ी ने किया मायूस
सोशल मीडिया पर शाहनवाज सिद्दीकी ने लिखा कि चार मिसरों में शायर साहब आपकी बात भी नहीं रख पाए। उन्होंने कहा कि अधिकतर लोग शायरी सुनने पहुूंचे थे। लेकिन जो ये सोचते थे कि चलो प्रियंका गांधी से चूक हो गई तो इमरान प्रतापगढ़ी कुछ बोलेंगे। लेकिन इमरान प्रतापगढ़ी ने भी अल्पसंख्यकों और दलितों के मुद्दों पर चुप्पी साध ली। इमरान प्रतापगढ़ी का भाषण आप इनके फेसबुक पेज पर जाकर सुन सकते हैं।
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