Sanjiv Jiva murder Case
केडी/रतनमणी डोभाल। Sanjiv Jiva murder
कुख्यात बदमाश संजीव जीवा की दहशत इतनी थी कि जेल से पेशी पर हरिद्वार आए संजीव जीवा ने होटल में बुलाकर शहर के कारोबारियों से रंगदारी वसूली की थी। मामला तब काफी चर्चा में रहा था, क्योंकि तब दिल्ली पुलिस भी उनके साथ थी। वहीं हरिद्वार पुलिस को जब सूचना लगी तो क्या हुआ था नीचे तक पढें।
पुलिस को लगी सूचना और होटल में पडा छापा
वरिष्ठ अपराध संवाददाता और प्रेस क्लब के पूर्व अध्यक्ष राजेश शर्मा ने बताया कि बात साल 2000 की है जब जीवा दिल्ली पुलिस के साथ हरिद्वार के एक मामले में पेशी पर आया था। यहां वो एक होटल में रुका और शहर की आसामियों और कारोबारियों को फोन करके बुलाया गया और उनसे रंगदारी वसूली गई। Sanjiv Jiva murder
इस बात की भनक हरिद्वार पुलिस को लगी और तब के एसपी सिटी रहे उमेश कुमार सिंह जो बाद में उत्तर प्रदेश एसटीएफ में भी रहे, उन्होंने होटल में रेड मार दी। मामला खुला और उसी दिन शाम को प्रेस वार्ता हुई। जीवा के खिलाफ शहर कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया। जीवा ने इसके बद हरिद्वार में भारतेंदू हांडा की हत्या को अंजाम दिया। Sanjiv Jiva murder
हरिद्वार में था जीवा का टेरर
हरिद्वार में संजीव जीवा का काफी टेरर था। खासतौर पर मुज्जफरनगर में अपराध की दुनिया में आने के बाद संजीवा जीवा ने हरिद्वार के ट्रैवल व्यवसाय, प्रोपर्टी विवाद और सरकारी ठेकों में हाथ डाला। तब हरिद्वार में कई गैंग सक्रिय थे। जिनमें नाजिम सलमानी, सुशील मूंछ, नफीस कालिया और गाजियाबाद के दीपक शर्मा गैंग शामिल रहे। इनके बीच जीवा ने अपना वर्चस्व कायम कर लिया था।
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