विकास कुमार।
सीएम पुष्कर सिंह धामी सरकार के लिए वरिष्ठ भाजपा नेता और राज्य सभा सांसद अनिल बलूनी संकट मोचक बनकर उभरे हैं। इस बार फिर अनिल बलूनी नाराज हरक सिंह रावत को मनाने में सफल हुए और शुक्रवार रात कैबिनेट बैठक के गिले शिकवे सुबह की चटक धूप निकलने के साथ ही छू मंतर हो गए। शाम आते—आते हरक सिंह रावत सीएम धामी संग डिनर डेबल पर थे। जहां उनकी साथ प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक, मंत्री धन सिंह रावत और विधायक उमेश शर्मा भी थे। बताया जा रहा है कि हरक सिंह रावत की अब कोई नाराजगी नहीं रह गई है और ना ही वो कोई इस्तीफा देने जा रहे हैं, जिसकी चर्चा शुक्रवार रात से चल रही थी।
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अनिल बलूनी बने संकट मोचक
वरिष्ठ पत्रकार अवनीश प्रेमी ने बताया कि जिस तरीके से शुक्रवार रात का घटनाक्रम रहा और मंत्रीमंडल से इस्तीफा देने की बात तक चलने लगी। लेकिन जिस तरीके से अनिल बलूनी ने पूरे मामले को हैंडल किया, उससे साफ है कि धामी सरकार के लिए अनिल बलूनी संकट मोचक का किरदार निभा रहे हैं। यही कारण है कि सुबह आते—आते हरक सिंह रावत के करीबी उमेश शर्मा काउ ये बोलते नजर आए कि बलूनी है जरुरी। उन्होंने बताया कि केंद्र की राजनीति में सक्रिय रहने के बाद भी अनिल बलूनी उत्तराखण्ड में प्रभावी किरदार निभा रहे हैं। इससे पहले जब भी भाजपा सरकार पर कोई संकट आया अनिल बलूनी सबसे पहले आगे आकर प्रभावी भूमिका निभाते रहे हैं। इसलिए अनिल बलूनी को उत्तराखण्ड की सियासत में लेषमात्र भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।
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आखिर हरक सिंह रावत की क्या है नाराजगी
वरिष्ठ पत्रकार अवनीश प्रेमी बताते हैं कि हरक सिंह रावत अपनी विधानसभा कोटद्वार में मेडिकल कॉलेज की स्थापना को लेकर प्रयासरत थे। इसके अलावा कुछ अन्य फाइलें भी है जिनको लेकर कशमकश चल रही है। हरक सिंह रावत प्रेशर पॉलिटिक्स के माहिर खिलाडी है और पहले भी ये ऐसा कर चुके हैं। हालांकि अनिल बलूनी की मध्यस्थता के बाद नाराजगी दूर हो चुके है, जिसका परिणाम सोमवार या मंगलवार तक आ सकता है।
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