Kanhiya kehwria

क्या मदन कौशिक से पुरानी अदावत के चलते युवा नेता कन्हैया पर गिरी गाज

बिंदिया गोस्वमाी/विकास कुमार।
भाजपा युवा मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष पद से हरिद्वार के युवा भाजपा नेता कन्हैया खेवडिया की छह महीने में ही छुट्टी हो गई। हालांकि उन्हें पदमुक्त किए जाने का कारण नहीं बताया गया। लेकिन माना जार रहा है कि उन पर गाज भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक से पुरानी अदावत के कारण गिरी है। हालांकि कन्हैया खेवडिया ने ये तो स्वीकार किया कि उनको पदमुक्त बिना भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक से बातचीत किए नहीं किया होगा, लेकिन उन्होंने कहा कि हो सकता है मदन कौशिक ने उनके लिए कुछ अच्छा सोचा हो, जिसके कारण उन्हें पदमुक्त किया गया है।
गौरतलब है कि कन्हैया खेवडिया हरिद्वार के युवा नेता है और उनकी पत्नी भाजपा की पार्षद हैं। कन्हैया की युवाओं में अच्छी पैठ है और कोरोना काल में उनके द्वारा किए गए सामाजिक कार्य को खूब सराहा भी गया था। उनके पदमुक्त किए जाने के बाद सोशल मीडिया पर उनके समर्थकों ने अभियान भी चलाया है जिसमें कहा जा रहा है कि वो कन्हैया खेवडिया के साथ हैं।

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क्या स्वामी यतीश्वरानंद से नजदीकी भी रहा कारण
वरिष्ठ पत्रकार रतनमणि डोभाल ने बताया कि कन्हैया खेवडिया हरिद्वार में शुरु से ही मदन कौशिक खेमे का हिस्सा नहीं रहे। पहले वो दिवंगत नेता प्रकाश पंत के साथ थे। हालांकि कुछ समय वो मदन कौशिक के दरबार में भी दिखने लगे। लेकिन कुछ समय पहले वो शहरी विकास मंत्री बंशीधर भगत और गन्ना मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद के नजदीक हो गए। ये भी एक कारण हो सकता है। यही नहीं हरिद्वार में उन्होंने कुछ कार्यक्रम भी किए जिससे उनको भावी दावेदार के तौर पर भी देखा गया। जहां तक मदन कौशिक से पुरानी नाराजगी की बात है तो ये बिल्कुल सही है। क्योंकि अन्नू कक्कड की हार के बाद ये चर्चा आम थी कि कई भजपा के नेताओं ने बगावत की। अब कारण जो भी रहा हो लेकिन कन्हैया खेवडिया के पदमुक्त होने से हरिद्वार की सियासत फिर से गरम हो गई है।

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क्या पार्टी विरोधी बयान बने कारण
वहीं सोशल मीडिया पर ये भी चर्चा है कि पार्टी विरोधी बयानों के कारण कन्हैया खेवडिया पर गाज गिरी है। भाजपा कार्यकर्ताओं में ये चर्चा आम है कि पिछले छह माह से उनके कुछ बयान पार्टी लाइन से अलग थे जो उनके पदमुक्त किए जाने का कारण बने हैं। एक भाजपा नेता ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि बतौर पद पर रहते हुए आप पार्टी के खिलाफ बयान नहीं दे सकते हैं। इससे सभी को बचना चाहिए। लेकिन कन्हैया शायद ऐसा नहीं कर पाए। जिसके कारण उनको पदमुक्त किया गया। हालांकि कन्हैया खेवडिया से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि पार्टी मेरी मां हैं और मैं मां के खिलाफ कोई अनैतिक कार्य नहीं कर सकता हूं।

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