विकास कुमार।
उत्तराखंड में हल्द्वानी पहुंचे आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की रोजगार को लेकर की गई बड़ी घोषणा के बाद उत्तराखंड के युवाओं में बहुत ज्यादा उत्साह देखने को मिल रहा है। आम आदमी पार्टी की घोषणा के बाद हमने उत्तराखंड के विभिन्न इलाकों के युवाओं का मिजाज जानना चाहा कि वह आम आदमी पार्टी के रोजगार को लेकर किए गए छह वायदों को किस तरह देखते हैं। ऋषिकेश निवासी अनिल नेगी ने बताया कि रोजगार वर्तमान में युवाओं के सामने बहुत बड़ी परेशानी है। सरकारी नौकरियां सीमित है और निजी क्षेत्र में नौकरियां नहीं है। अगर अरविंद केजरीवाल एक लाख सरकारी नौकरियों का वादा कर रहे हैं तो यह उत्तराखंड के युवाओं के लिए बहुत आशावादी खबर है। क्योंकि रोजगार होगा तो तरक्की होगी।
हरिद्वार निवासी बिट्टू चौधरी ने बताया कि लॉकडाउन के कारण उनका रोजगार चला गया है और अब वह कोई नया कारोबार करने की सोच भी नहीं पा रहे हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री के लिए घोषणा जिसमे हर घर से एक बेरोजगार को ₹5000 मासिक बेरोजगारी भत्ता दिया जाएगा बहुत ही सराहनीय पहल है। यही नहीं निजी क्षेत्र में जॉब पोर्टल की घोषणा भी बहुत अच्छी है। आज सबसे बड़ी चुनौती यह है कि जॉब्स की सही समय जानकारी नहीं मिल पाती है और इसलिए अच्छे उम्मीदवार जॉब के लिए नहीं मिल पाते हैं। इसलिए अगर एक जॉब पोर्टल होगा तो यह फायदे का सौदा साबित होगा। क्योंकि एक ही जगह पर तमाम सरकारी और निजी नौकरियों के बारे में जानकारी लग पाएगी।
वही आकाश बिष्ट ने बताया बिजली मुफ्त देने की घोषणा हो या फिर रोजगार को लेकर किए गए वायदे आम आदमी पार्टी की योजनाएं तो अच्छी है लेकिन इनका जमीनी स्तर पर पालन कैसे होगा आम आदमी पार्टी को यह भी विस्तार से बताना होगा। क्योंकि उत्तराखंड की स्थिति आर्थिक तौर पर बहुत ज्यादा मजबूत नहीं है। लेकिन जिस तरह कांग्रेस और भाजपा ने उत्तराखंड के लोगों से धोखा किया है उसमें आम आदमी पार्टी की घोषणा है उम्मीद पैदा करती है। वही उधम सिंह नगर निवासी सरीन खान ने बताया की रोजगार बहुत बड़ा मसला है। शिक्षा हासिल करने के बाद भी उचित रोजगार नहीं मिल पा रहा है जो परिजनों के लिए चिंता करने वाली खबर है। लेकिन अगर आम आदमी पार्टी हर घर से एक रोजगार देने का वायदा कर रही है तो यह बहुत ही अच्छी बात है। आम आदमी पार्टी लेकर युवा बहुत उत्साहित हैं और युवा भाजपा कांग्रेस ने उम्मीद के अनुसार काम नही किया है इसलिए अब जमीन पर काम करने वाले दलों को मौका देने के बारे में सोच रहे हैं।