विकास कुमार।
हरिद्वार कुंभ मेला 2021 में सात सौ करोड रुपए खर्च हुए लेकिन कांग्रेस के नेता कुंभ कार्योें में हुई धांधली के बजाए एक दूसरी की पोल खेालने में लगी है। जबकि कोरोना टेस्टिंग घोटाले के रूप में कुंभ का पहला घोटाला सामने भी आ चुका है लेकिन हरिद्वार कांग्रेस के नेता सतपाल ब्रह्मचारी और मेयर पति अशोक शर्मा एक दूसरे पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं। सतपाल ब्रह्मचारी ने मेयर अनीता शर्मा पर उशा ब्रेको मामले में भाजपा के साथ मिलकर बडा घोटाला करने का आरोप लगाया तो मेयर पति अशोक शर्मा ने भी पलटवार करते हुए सतपाल ब्रह्चारी पर चुंगी और ना जाने क्या—क्या आरोप लगा डाले। दोनों नेता हरिद्वार नगर सीट से चुनाव लडना चाहते हैं इसलिए इनकी लडाई को टिकट की जंग के तौर पर भी देखा जा रहा है।
कांग्रेस जहां एक ओर परिवर्तन के ख्याल बुन रही है वहीं इसके खुद के नेता एक दूसरे पर आस्तीनें तान कर खडे हैं। सतपाल ब्रह्मचारी और अशोक शर्मा की अदावत अब पोस्टर बैनरों तक पहुंच गई है। दोनों एक दूसरे को नीचा दिखाने और पार्टी कार्यक्रमों में अपनी ताकत का अहसास कराने में लगे रहते हैं। आलम ये है कि दोनों में से किसी एक को टिकट मिला तो चुनाव में एक साथ खडे हो जाए ऐसा मुश्क्लि होग।
वरिष्ठ पत्रकार रतनमणि डोभाल बताते हैं कि दोनों अपना टिकट मान कर चल रहे हैं। इसलिए भी एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप का दौर चल रहा है। हालांकि गुटबाजी भाजपा में भी है लेकिन कांग्रेस की तरह यहां गुटबाजी सडकों पर नहीं आती है। ये सही है कि उषा ब्रेकों की लीज करने में गेम हुआ है जिसे हरीश रावत ने भी कहा कि कद्दू कटा और सबमें बटा। लेकिन बडा सवाल ये भी है कि जांच की मांग करने वाले कांग्रेसी नेताओं की हाईकमान ने नहीं सुनी। जिसके बाद से अशोक शर्मा भी सतपाल गुट पर हावी है। जिस तरह से कांग्रेस में गुटबाजी चल रही है लगता नहीं है कि चाल—प्रपंच और चुनावी मैनेजमेंट में माहिर मदन कौशिक को ये टक्कर भी दे सकते हैं। हालांकि ये भी सच है कि नगर निगम चुनाव में कांग्रेस एक होकर लडी तो भाजपा की प्रत्याशी अन्नू कक्कड को हार का मुंह देखना पडा। वरिष्ठ पत्रकार आदेश त्यागी बताते हैं कि कुंभ 2021 में बहुत बडे पैमाने पर धांधली हुई है जिसकी जांच की जानी चाहिए। लेकिन, कांग्रेस इसकी मांग करने के बजाए आपस में उलझी हुई है।
जंग—ए—टिकट: कुंभ घोटाला छोड़ एक दूसरे की पोल खोलने में जुटे कांग्रेस के दावेदार
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