विकास कुमार।
उत्तराखण्ड में ब्लैक फंगस से दूसरी मौत रिपोर्ट हुई है। ये मौत भी एम्स ऋषिकेश में हुई है। यहां अलीगढ यूपी निवासी 72 साल की महिला ने कोविड संक्रमण के बाद उपचे ब्लैक फंगस म्युक्रोमैसिस संक्रमण के कारण दम तोड दिया है। वहीं इससे पहले देहरादून निवासी एक युवक ने भी एम्स ऋषिकेश में दम तोडा था।
एम्स ऋषिकेश अस्पताल प्रबंधन के मुताबिक अब तक ब्लैक फंगस के कुल 30 मरीज भर्ती हो चुके हैं। इनमें 81 साल की ऋषिकेश की रहने वाली महिला को इलाज के बाद डिस्चार्ज कर दिया गया है। जबकि 27 मरीजों का उपचार चल रहा है, इनमें से कुल 11 मरीजों की सर्जरी होनी बाकी है।
:::::::::::::
क्या होता है ब्लैक फंगस
म्यूकरमाइकोसिस एक ऐसा फंगल इंफेक्शन है जिसे कोरोना वायरस ट्रिगर करता है. कोविड-19 टास्क फोर्स के एक्सपर्ट्स का कहना है कि ये उन लोगों में आसानी से फैल जाता है जो पहले से किसी ना किसी बीमारी से जूझ रहे हैं और जिनका इम्यून सिस्टम कमजोर होता है. इन लोगों में इंफेक्शन से लड़ने की क्षमता कम होती है।
:::::::::::::::::
इन लोगों को है खतरा
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के मुताबिक, कुछ खास कंडीशन में ही कोरोना मरीजों में म्यूकरमाइकोसिस का खतरा बढ़ता है. अनियंत्रित डायबिटीज, स्टेरॉयड की वजह से कमजोर इम्यूनिटी, लंबे समय तक आईसीयू या अस्पताल में दाखिल रहना, किसी अन्य बीमारी का होना, पोस्ट ऑर्गेन ट्रांसप्लांट, कैंसर या वोरिकोनाजोल थैरेपी (गंभीर फंगल इंफेक्शन का इलाज) के मामले में ब्लैक फंगस का खतरा बढ़ सकता है.
क्या हैं लक्षण– ब्लैक फंगस में मुख्य रूप से कई तरह के लक्षण देखे जाते हैं. आंखों में लालपन या दर्द, बुखार, सिरदर्द, खांसी, सांस में तकलीफ, उल्टी में खून या मानसिक स्थिति में बदलाव से इसकी पहचान की जा सकती है. इसलिए इन लक्षणों पर बारीकी से गौर करना चाहिए।