राकेश वालिया / विक्की सैनी
सीएम तीरथ सिंह रावत के सामने शनिवार को बैरागी संतों के तेवर नरम थे और व्यवस्था से खुश नजर आ रहे थे लेकिन रविवार को एक बार फिर बैरागी संतों के तेवर गरम हो गए और इतने गरम हुए कि मेलाधिकारी दीपक रावत पर व्यवस्था ना होने को लेकर बिफर पडे। इस पर मेलाधिकारी दीपक रावत भी गुस्सा खा गए और उन्होंने दो टूक कह दिया कि मैं मेलाधिकारी मेला कराने के लिए बना हूं ना कि बाधा पैदा करने के लिए। बाद में थोडा माहौल शांत हुआ और मेलाधिकारी दीपक रावत ने मातहत अधिकारियों को बैरागी कैंप में संतों की सभी व्यवस्थाएं जल्द कराने के आदेश दिए। वहीं बैरागी संतों ने अतिक्रमण हटाने को लेकर भी मांग की, जिस पर मेलाधिकारी ने जिलाधिकारी की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाने की बात कही जो भविष्य में अतिक्रमण को लेकर कार्रवाई करेगी।
बैरागी संत महंत मोहन दास महाराज ने मेला अधिकारी दीपक रावत को खरी खोटी सुनाते हुए कहा कि आपने भी पूर्व मुख्यमंत्री के साथ मिलकर मेला को बिगाड़ने की कोशिश की और आप मेला करवाना नहीं चाहते। वैरागी संत शुरू से ही टेंट और शिविर लगाने की बात कर रहे थे। इस पर आप की तैयारियां अभी तक पूरी नहीं हुई। वही मेला अधिकारी दीपक रावत ने कहा कि मैं किसी लालच के लिए मेला अधिकारी नहीं बना हूँ।
हालांकि शनिवार को जब सीएम तीरथ सिंह रावत बैरागी संतों से मिलने पहुंचे तो बैरागी संतों के सुर बदले हुए थे और उन्होंने सभी व्यवस्था होने की बात सीएम के सामने कही। इस पर सीएम तीरथ सिंह रावत ने भी कहा था कि जब आप संतुष्ट और खुश हैं तो कोई दिक्कत की बात नहीं है। वहीं अपर मेलाधिकारी हरवीर सिंह ने बताया कि सभी व्यवस्थाएं की जा रही है। संतों ने भी कहा कि दोबारा सीएम से पत्राचार करने को मजबूर ना होना पडे, इससे पहले ही व्यवस्था हो जानी चाहिए।
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सीएम के आने से पहले अफसरों ने लगाई थी गुहार
सूत्रों के मुताबिक बैरागी कैंप में सीएम तरीथ सिंह रावत के आने से पहले तक बैरागी संत व्यवस्था से खुश नहीं थे और सीएम के सामने अव्यवस्था पर बात होती तो अफसरों को जवाब देना मुश्किल हो जाता। ऐसे में बताया जा रहा है कि अफसरों ने बैरागी संतों को मनाया और हर संभव व्यवस्था करने का आश्वासन दिया। इसके बाद बैरागी संतों के तेवर सीएम के सामने नरम दिखे। लेकिन एक बार फिर सीएम के जाने के बाद बैरागी संत हमलावर हो गए हैं।