चंद्रशेखर जोशी।
जनसमस्या हो या फिर अफसरों की लापरवाही का मामला जिलाधिकारी हरिद्वार दीपक रावत कडी कार्रवाई करने से पीछे नहीं हटते हैं। यही कारण है कि वो अपनी बेबाक कार्यशैली से हरिद्वार ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में सबसे ज्यादा लोकप्रिय अधिकारी माने जाते हैं। सालभर उन्होंने कई बडी कार्रवाई की लेकिन साल जाते—जाते उन्होंने अपने मातहत अधिकारियों के खिलाफ लापरवाही पर एक्शन ले लिया। सडक दुर्घटनाओंके प्रभावितों को राहत राशि नहीं दिए जाने पर कडा एक्शन लेते हुए दीपक रावत ने अपने चार एसडीएम के वेतन अगले आदेशों तक रोकने के निर्देश दिए हैं।
अमर उजाला की खबर के मुताबिक जिलाधिकारी दीपक रावत ने बताया कि सड़क दुर्घटनाओं में मारे गए लोगों के परिजनों या घायल होने वाले लोगों को सड़क दुर्घटना राहत कोष के तहत राहत राशि मुहैया कराने का प्रावधान है। इस बारे में पहले भी कई बार आदेश दिए गए हैं। इस तरह के मामलों की समीक्षा करते हुए पाया गया कि जिले की हरिद्वार, रुड़की लक्सर और भगवानपुर तहसील प्रशासन की ओर से सड़क दुर्घटना के मामलों को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है। सड़क दुर्घटनाओं से संबंधित कई फाइलें लंबित पड़ी हैं। लिहाजा उन्होंने तहसील प्रशासन की लंबित फाइलों को देखते हुए चारों तहसील के एसडीएम का वेतन अग्रिम आदेशों तक के लिए रोकने के आदेश दिए हैं।
गौरतलब है कि जिलाधिकारी हर सोमवार को जनता दरबार लगाते हैं और इसमें दूर दराज के इलाकों से फरियादी भी आते हैं। जिलाधिकारी के जनता दरबाद में अपनी फरियाद सुनाने के लिए लोगों की भारी भीड भी जुटती है।
डीएम दीपक रावत की इस कार्रवाई से हिल गया सिस्टम, जानिये क्यों लिया बड़ा एक्शन
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