Haridwar Viral News हरिद्वार में पांच गर्भवती महिलाओं की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार 3400 गर्भवती महिलाओं को हाई रिस्क श्रेणी में रखा गया है। इन महिलाओं की निगरानी और देखभाल आशा व आंगनबाडी कार्यकर्ताओं की जरिये की जा रही है जिसका सुपरविजन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी कर रहे हैं। वहीं वर्तमान में 24 हजार महिलाएं जनपद में गर्भवती है जिनका सर्वे किया जा रहा हैं माना जा रहा है कि और ज्यादा गर्भवती महिलाएं हाई रिस्क श्रेणी में शामिल हो सकती हैं।
विशेष अस्पतालों में कराई जाएगी डिलीवरी
वहीं स्वास्थ्य विभाग इन महिलाओं की डिलीवरी अच्छे अस्पतालों में कराने की रणनीति पर काम कर रहा है ताकि किसी भी आपातकाल स्थिति से निपटा जा सके। इन महिलाओं के परिजनों को भी जागरुक किया जा रहा है ताकि किसी झोलाछाप या अन्य किसी कम सुविधा वाले निजी अस्पताल में डिलीवरी कराने ना पहुंच जाए।
सीएमओ डा. आरके सिंह ने बताया कि हाय रिस्क श्रेणी में आने वाले गर्भवती महिलाओं को सुविधायुक्त अस्पतालों में डिलीवरी कराई जाएगी। क्रिटिकल कंडीशन की स्थिति में ही महिला अस्पताल से हायर सेंटर रैफर किया जाएगा। इन महिलाओं की खून की जांच व अन्य जांचों का भी ध्यान रखा जा रहा है।
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क्यों रखा गया है हाई रिस्क श्रेणी में
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार जिन महिलाओं में खून की कमी है या फिर पहले से कोई बिमारी है। या फिर पहला बच्चा आपरेशन से हुआ है। या फिर तीन चार बच्चे हो चुके हैं। या फिर महिला कुपोषण का शिकार है, या पहले गर्भपात हुआ हो। स्वास्थ्य विभाग कई मानकों के अनुसार गर्भवती महिलाओं को हाय रिस्क श्रेणी में रखता है।
जन्म देने के दौरान हो चुकी है पांच महिलाओं की मौत
हरिद्वार में पिछले दो महीने में पांच गर्भवती महिलाओं की मौत हो चुकी है। दो महिलाएं एक ही दिन बहादराबाद के निजी अस्पताल में मरी थी। जबकि एक महिला की मौत ज्वालापुर सीएचसी में हुई है। वही एक महिला ने महिला अस्पताल में दम तोडा जबकि एक महिला ने कुछ दिन पहले देवभूमि अस्पताल में बच्चे को जन्म देने के दौरान दम तोड दिया।



