चंद्रशेखर जोशी।
फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर सरकारी शिक्षक बनने के क्रम में एक नया मामला सामने आया है। हरिद्वार जनपद के बहादराबाद ब्लॉक के श्यामपुर गांव में पिछले चार सालों से पढा रही मास्टरनी जी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। आरोप है कि शिक्षिका ने फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी पाई है। इस मामले में शिक्षा विभाग की ओर से शिक्षा के खिलाफ श्यामपुर थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है।
आईपीसी की धारा 420, 467 और 468 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। वहीं दूसरी ओर शिक्षिक को निलंबित भी कर दिया गया है। इससे पहले नौ अन्य शिक्षकों के खिलाफ भी हरिद्वार में फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर नौकरी करने का मामला दर्ज हो चुका है। श्यामपुर पुलिस के मुताबिक शिक्षिका मनोरमा सुयाल पुत्री बृज मोहन सिंह रावत निवासी गोपेश्वर चमोली हाल निवासी बी 40 जज फार्म थाना हल्द्वानी नैनीताल के खिलाफ खंड शिक्षा अधिकारी सुमन अग्रवाल ने मुकदमा दर्ज कराया है।
खंडी शिक्षा अधिकारी सुमन अग्रवाल ने बताया कि मनोरमा सुयाल सामान्य जाति से आती है लेकिन उन्होंने शादी के बाद अनुसूचित जनजाति का जाति प्रमाण पत्र लगाया है। जो कि नियमानुसार गलत है,इसलिए उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। इससे पहले नौ अन्य शिक्षकों के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज कराया गया है। एसआईटी की जांच के आधार पर ये मुकदमा दर्ज कराया गया है।
फर्जी प्रमाणपत्रों पर सरकारी स्कूल में पढा रही थी मास्टरनी जी, हरिद्वार का मामला
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