चंद्रशेखर जोशी।
उत्तराखण्ड के चर्चित वीर चंद्र सिंह गढवाली पर्यटन स्वरोजगार योजना के तहत हुए करोडों रुपए के घोटाले के मामले में याचिकाकर्ता वरिष्ठ अधिवक्ता अरुण भदौरिया ने मामले की जांच एसआईटी बनाकर तेजतर्रार और ईमानदार आईपीएस आॅफिसर अरुण मोहन जोशी से कराने की मांग की है। इस घोटाले में हरिद्वार भाजपा के कई नेता फंसे हैं, जिन्होंने गलत शपथ पत्रों के आधार पर अधिकारियों की मिलीभगत से लोन लिया। इनमें रूडकी के भाजपा विधायक प्रदीप बत्रा की पत्नी मनीषा बत्रा, भाजपा नेत्री अंजना चड्ढा जो वर्तमान में जिला उपभोक्ता फोर की सदस्य भी हैं और भाजपा के जिलाध्यक्ष विकास तिवारी आदि नेता शामिल हैं।
इन सभी ने खुद को लोन लेने के लिए बेरोजगार बताया था और अपने परिवार की सभी स्रोतों से आय बहुत कम बताई थी। जबकि ये सभी हरिद्वार के अच्छे खासे परिवारों से आते हैं और आर्थिक संपन्न भी हैं। आपको बता दें कि ये योजना सरकार ने गरीब बेरोजगारों के चलाई थी। इसमें एक शर्त ये थी कि आवेदक को बेरोजगार होना जरूरी था।
इसी का फायदा उठाते हुए इन लोगों ने झूठे शपथ पत्र दिए और पर्यटन विभाग ने जानकारी किए बिना कि कथित तौर पर मिलीभगत कर लोन बांट दिए। इस मामले में अधिवक्ता अरुण भदौरिया ने मुकदमा दर्ज करने के लिए रानीपुर थाने में तहरीर दी थी। हाई—प्रोफाइल मामला होने के कारण पुलिस ने मुकदमा दर्ज नहीं किया था। बाद में कोर्ट के आदेश के बाद केस दर्ज किया गया था। लेकिन अभी तक इस मामले में जांच आगे नहीं बढ पाई है।
चूंकि इसमें तत्तकालीन जिलाधिकारी और पर्यटन अधिकारी भी शामिल हैं। इसलिए जांच अधिकारी भी हाथ डालते हुए डर रहे हैं। लिहाजा, अधिवक्ता अरुण भदौरिया ने इस मामले में सरकार को पत्र लिख मामले की जांच ईमानदार अफसर अरुण मोहन जोशी से कराए जाने की मांग की है। अरुण मोहन जोशी फिलहाल देहरादून के एसएसपी की कमान संभाल रहे हैं। अरुण भदौरिया ने बताया कि घोटाले में शामिल लोग बहुत प्रभावशाली है लिहाजा इस मामले की जांच ईमादान अफसर अरुण मोहन जोशी से कराए जाने की आवश्यकता है।