governmant launch malnutrition free campaign in uttrakhand

अच्छी पहल: जो काम हरीश रावत नहीं कर पाए, वो काम पूरा करेगी त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार

शेयर करें !

ब्यूरो।
उत्तराखण्ड को पूर्ण रूप से कुपोषण मुक्त करने के लिए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की पहल पर कुपोषण मुक्ति हेतू गोद अभियान का आगाज किया गया है। इसके तहत प्रदेश में चिन्हित 1600 अति कुपोषित बच्चों को सीएम, मंत्री, विधायक, अफसर, कारोबारी और समाजसेवी संगठनों द्वारा गोद लिया जाएगा। गौरतलब है कि जब हरीश रावत मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने हरिद्वार में इसी तरह का एक कार्यक्रम शुरू किया था। खिलती कलियां कार्यक्रम के तहत तत्कालीन सीएम हरीश रावत ने कुपोषित बच्चों को गोद लेने के लिए मंत्री, विधायकों, अफसरों और समाज सेवाी संगठनों से अपील की थी। इसके तहत हर किसी को दो बच्चों को गोद लेना था। लेकिन, हरीश रावत की ये पहल बुरी तरह असफल रही थी। हरीश रावत के इस कार्यक्रम में कई गणमान्य लोगों ने बच्चों को गोद लेने की घोषणा की थी, लेकिन बाद में कुछ नहीं हुआ था। हालांकि त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार ने जिस तरह से अभियान को शुरू किया है, उससे लग रहा है कि अभियान को सफलता मिल सकती है।
अब त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार ने भी ठीक ऐसा ही अभियान चलाया है। मंगलवार को पोषण अभियान 2019 के अंतर्गत ‘‘कुपोषण मुक्ति हेतु गोद अभियान’’ की शुरूआत हुई। इसमें प्रदेश में चिन्हित 1600 अति कुपोषित बच्चों को मुख्यमंत्री, मंत्रिगणों, विधायकों, अधिकारियों, उद्योगपतियों व अन्य समाजसेवियों द्वारा गोद लिया जाएगा। सीएम आवास में अभियान के शुभारम्भ के अवसर पर 20 बच्चों को गोद लिया गया। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने योगिता पुत्री रेखा, विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद्र अग्रवाल ने अनिषा पुत्री गुड़िया, महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने निहारिका पुत्री सीमा, विधायक गणेश जोशी ने भूमिका, मेयर सुनील उनियाल गामा ने निहारिका पुत्री प्रियंका, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने नैंसी पुत्री अतर सिंह, प्रमुख सचिव मनीषा पंवार ने विनायक पुत्र शीतल, प्रमुख सचिव आनंदबर्द्धन ने आयुष पुत्र राजेश्वरी, सचिव डाॅ. भूपिंदर कौर औलख ने आन्या, आरके सुधांशु ने अरहम, नीतेश झा ने नैना, शैलेश बगोली ने उमर, सौजन्या ने अभिषेक, हरबंस सिंह चुघ ने राज, अरविंद सिंह ह्यांकि ने हमजा, पंकज पाण्डे ने शुभान, विनोद प्रसाद रतूड़ी ने जोया, बीएस मनराल ने प्रियांशु, बीके संत ने शौर्य व एचसी सेमवाल ने दिव्यांशी को गोद लेकर उन्हें कुपोषण से मुक्त करने की जिम्मेवारी ली है। समाजसेवी व उद्योगपति राकेश आॅबेराय ने अपनी संस्थाओं के माध्यम से 100 कुपोषित बच्चों को गोद लेने की बात कही।

———————
समाज की शक्ति को पहचाना होगा: मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि हमें समाज की शक्ति को पहचानना चाहिए। किसी भी समस्या का हल समाज की भागीदारी से हो सकता है। हमारे पूर्वजों ने समाज की ताकत को पहचाना था। हमें भी यह देखना होगा कि कैसे समाज की शक्ति का उपयोग किया जा सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले वर्ष बड़े पैमाने पर सफलतापूर्वक वृक्षारोपण अभियान चलाए गए थे। इसमें समाज के सभी लोगों ने बढ़-चढ़कर योगदान दिया। कोई भी समस्या दूर की जा सकती है अगर सही तरीके से नियोजन किया जाए, समाज को इसमें जोड़ा जाए और उसे पर्सनल टच दिया जाए। मुख्यमंत्री ने पिथौरागढ़ का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां भी स्थानीय जनप्रतिनिधियों व समाज का सहयोग लेकर बालिका लिंगानुपात में काफी सुधार आया है।

———————
प्रदेश में कक्षा 9 से 12 तक की बालिकाओं का हिमोग्लोबिन टेस्ट कराया जाएगा
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार प्रदेश में कक्षा 9 से 12 तक की बालिकाओं का हिमोग्लोबिन टेस्ट कराया जाएगा। वर्ष 2022 तक प्रदेश की सभी आंगनबाड़ी केंद्रों को पक्का भवन युक्त किया जाएगा। प्रत्येक राशनकार्ड पर 2 किग्रा दाल उपलब्ध कराई जाएगी।
मां स्वस्थ तो बच्चा भी स्वस्थ
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन बच्चों को गोद लिया जा रहा है, उनका नियमित रूप से पूरा ध्यान रखना जरूरी है। उनके माता पिता के सम्पर्क रहना होगा। बच्चे क्या खा रहे हैं, कैसे खा रहे हैं, हर छोटी से छोटी बात पर ध्यान देना होगा। पहला सहयोग बच्चे की मां का चाहिए। अगर मां को पोषण मिले, मां का स्वास्थ्य ठभ्क हो तो बच्चे का पोषण और स्वास्थ्य भी ठीक रहेगा।
विधानसभा अध्यक्ष श्री प्रेमचन्द अग्रवाल ने कहा कि आज का यह ‘‘कुपोषण मुक्ति हेतु गोद अभियान’’ का कार्यक्रम दिव्य और पुनीत कार्य के लिए है। यदि हम कोई लक्ष्य प्राप्त करने का मन बना लेते हैं, तो वह पूर्णता को भी प्राप्त होता है। उन्होंने कहा कि कुपोषण से मुक्ति की चुनौती स्वीकार कर हम आगे बढ़ेंगे। बच्चा स्वस्थ पैदा हो, इसके लिए माँ का स्वस्थ रहना जरूरी है। कुपोषण की समस्या 5 वर्ष तक के बच्चों में अधिक पायी जाती है। उन्होंने कहा कि जो कुपोषित बच्चे गोद लिये गये हैं, इन्नकी निरंतर माॅनिटरिंग होगी, तो ये बच्चे जल्द ही कुपोषण से मुक्त हो जायेंगे।
महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती रेखा आर्या ने कहा कि यदि कुपोषण से लड़ना है तो इसकी शुरूआत गर्भवती महिला से होना जरूरी है। उनको पर्याप्त पोषण मिले, इसके लिए आंगनबाड़ी केन्द्रों में उनका पंजीकरण होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि राज्य में ऊधमसिंह नगर, हरिद्वार, नैनीताल व देहरादून में सबसे अधिक कुपोषित बच्चे हैं। कुपोषण से मुक्ति के लिए पोष्टिकता को प्राथमिकता बनाने के साथ ही मोटे अनाज को अपने आहार में सम्मिलित करना जरूरी है। 06 माह से 06 साल तक के बच्चों को आंगनवाड़ी केन्द्रों के माध्यम से टेक होम राशन के रूप में विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थ उपलब्ध कराये जाते हैं। बच्चों को कुपोषण से बाहर लाने के लिए जन प्रतिनिधियों के साथ ही अधिकारियों को इन बच्चों को गोद लेकर इनकी निगरानी करना जरूरी है।
विधायक श्री गणेश जोशी ने कहा कि महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास द्वारा मसूरी विधानसभा के सभी अति कुपोषित बच्चों एवं कुपोषित बच्चों की लिस्ट उन्हें उपलब्ध कराई जाय। इन बच्चों को वे स्वयं एवं विभिन्न संस्थाओं के माध्यम से गोद लेकर उन्हें कुपोषण से मुक्त करने का प्रयास करेंगे।
मेयर सुनील उनियाल गामा ने कहा कि प्रदेश में कुपोषण से मुक्ति हेतु गोद अभियान जैसे नेक कार्य का शुभारम्भ हुआ है। कुपोषण एक बहुत बड़ा अभिशाप है, इसकी मुक्ति के लिए विशेष प्रयासों की जरूरत हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कुपोषण को पूर्ण रूप से समाप्त करने के लिए समाज के हर वर्ग का सहयोग जरूरी है। हमें उत्तराखण्ड को कुपोषण के साथ ही हमें प्लास्टिक से भी मुक्त करना होगा।

 

2 thoughts on “अच्छी पहल: जो काम हरीश रावत नहीं कर पाए, वो काम पूरा करेगी त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार

  1. सही है जो कमी युवाओं को नशे का गुलाम बनने कांग्रेस काल में रह गई थी उसको भाजपा पूरी करके नशे के गुलाम बना कर वोट बैंक बढ़ायेगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *