हरीश कुमार।
दिल्ली के यात्रियों को फर्जी तरीके से कोरोना की RTPCR की नेगेटिव रिपोर्ट देने के मामले में पुलिस ने महिला सहित दो युवकों को गिरफ्तार किया है। दोनों आरोपियों ने दिल्ली के 8 युवकों को ₹5000 में आरटीपीसीआर नेगेटिव रिपोर्ट दी थी। इस संबंध में शिकायत पर कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने टिहरी जनपद के मुनी की रेती थाना स्थित ढाल वाला चेक पोस्ट पर पर छापेमारी की थी। जिसके बाद पुलिस ने अपने स्तर से जांच पड़ताल की तो जांच में पाया कि दोनों कर्मचारियों पर लगे आरोप सही हैं। और दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
थाना प्रभारी कमल मोहन भंडारी ने बताया कि विनय बिष्ट निवासी 14 बीघा ऋषिकेश जो सीआरएल डायग्नोस्टिक का कर्मचारी बताया जा रहा है ने अपनी एक अन्य सहयोगी शीतल से नहीं निवासी अंबेडकर नगर ऋषिकेश के साथ मिलकर सभी युवकों की नेगेटिव रिपोर्ट फर्जी बनाई। पुलिस ने बताया आरोपी महिला शीतल खुद को नॉवस लैब की कर्मचारी बता रही है। हालांकि मामले में दोनों के अलावा किसी तीसरे की मिलीभगत अभी नहीं पाई गई है। वहीं मामले की जांच की जा रही है।
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-नोवस लैब ने किया खंडन, हमारे कर्मचारी नही
वहीं दूसरी ओर से नोवस लैब की ओर से बताया गया है कि गिरफ्तार विनय और शीतल का नौवस पैथ लैब से कोई ताल्लुक नहीं। लैब की उपप्रबंधक मल्लिका भट्ट ने बताया कि दोनों आरोपी हमारे कर्मचारी नही हैं। दोनों का हमारी लैब से कोई लेना देना नहीं है। उन्होंने बताया कि नोवस लैब की ओर से आरटी पीसीआर और एंटीजन टेस्ट के सैंपल लेने के लिए किसी व्यक्ति या संस्था को अधिकृत नहीं किया गया है। न ही कोई जिम्मेदारी दी गई है। उन्होंने कहा कि लैब का इस पूरे मामले से कोई लेना देना नहीं है। नोवस लैब को बदनाम करने की कोशिश की गई तो सभी क़ानूनी विकल्पों पर विचार किया जाएगा।