रुड़की फायरिंग केस में खानपुर के पूर्व विधायक प्रणव सिंह चैंपियन को भले ही जमानत मिल गई हो, लेकिन ये जमानत जिला सत्र न्यायालय ने कुछ शर्तों के साथ दी है, इन शर्तों का उल्लंघन किया तो कभी भी प्रणव सिंह चैंपियन की जमानत निरस्त कर उन्हें फिर से जेल भेजा जा सकता है। जिला जज प्रशांत जोशी की कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद बहुत ही अच्छा आर्डर लिखा है जिसको पढ़कर नए वकील बहुत कुछ सीख सकते हैं।
प्रणव सिंह चैंपियन की बेल
क्या है शर्तें
कोर्ट ने जिन शर्तों को जमानत के साथ लगाया है उनमें पांच शर्तें मुख्य हैं। जो निम्न प्रकार हैं।
- अभियुक्त साक्ष्य व साक्षीगण को प्रभावित करने का कोई प्रयास नहीं करेगा और न ही किसी भी साक्षी से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से सम्पर्क स्थापित करेगा।
- अभियुक्त अभियोजन पक्ष को धमकाने / प्रभावित करने का प्रयास नहीं करेगा।
- अभियुक्त विचारण न्यायालय में नियत तिथियों में अपनी उपस्थिति सुनिश्चित करेगा,
- अभियुक्त ऐसी किसी भी गतिविधि में भाग नहीं लेगा, जिससे सार्वजनिक शान्ति भंग होने की सम्भावना हो,
- कोई अन्य शर्ते जो विचारण न्यायालय, दौरान विचारण लगाना उचित समझे, वह कानून की परिधि में ऐसा करने हेतु अनुमत रहेगा।
कोर्ट ने अपने आर्डर में ये भी कहा कि यदि अभियुक्त इन शर्ते का उल्लंघन करता हुआ पाया जाता है तो भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बी.एन.एस.एस.) 2023 की धारा 483 (3) के तहत उसकी जमानत तत्त्काल प्रभाव से निरस्त की जाएगी एवं अभियुक्त को दौराने विचारण पुनः न्यायिक अभिरक्षा में रखा जायेगा।
