हरिद्वार मेयर के लिए भाजपा और कांग्रेस नेताओं ने अपनी पत्नियों और अन्य रिश्तेदारों के नाम आगे किए हैं। लेकिन भाजपा के पास सबसे मजबूत विकल्प के तौर पर डा. कल्पना चौधरी अग्रवाल ने दावेदारी पेश की है।पेशे से चिकित्सक डा. कल्पना चौधरी आरएसएस से जुड़ी हैं और सामाजिक कार्यों में भी अग्रणी हैं। तालीमयाफ्ता और समझदार होने के नाते उन्हें अब तक आए सभी दावेदारों में सबसे ज्यादा मजबूत दावेदार के तौर पर देखा जा रहा है। उन्होंने हरिद्वार लोकसभा सीट से सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत, जिलाध्यक्ष संदीप गोयल को आवेदन सौंपकर मेयर पद के लिए प्रत्याशी बनाए जाने की मांग की है।
कौन है डा. कल्पना चौधरी
ज्वालापुर क्षेत्र की रहने वाली पेशे से चिकित्सक डॉ कल्पना चौधरी अग्रवाल मौजूदा समय में आरएसएस चिकित्सा संगठन से जुड़ी हैऔर उनके पति अमित अग्रवाल भी पेशे से चिकित्सक है। जिलाध्यक्ष को सौंपे अपने आवेदन में महिला चिकित्सक ने बताया कि शहर में उनके परिवार का विभिन्न जाति, संप्रदायों में बेहतर संपर्क संबंध है। वे लगातार • छात्र छात्राओं के विराट समूह से जुड़ी रहती है और • गाय, गीता, गंगा को आधार मानकर निगम क्षेत्र का विकास करना उनका मकसद है।
लिखा कि हरिद्वार को चिकित्सा, शिक्षा और खेल के हब के रूप में विकसित करने का सपना उनका है। यही नहीं • पब्लिक- प्राइवेट पार्टनरशिप के सिद्धांत को अपनाते हुए निगम हरिद्वार की आय बढ़ाने तथा रोजगार उत्पन्न करने की योजनाएं धरातल पर उतारी जाएगी। इसके साथ साथ • बढ़ती जनसंख्या के अनुरूप संसाधनों का ध्यान रखते हुए निगम क्षेत्रवासियों के लिए मूलभूत सुविधा जुटाना उनकी प्राथमिकता होगी। बता दें कि वह पूर्वसीएमओ सोमप्रकाश गुप्ता की पौत्रवधू है और उनकी सास लीला गुप्ता भी शहर में स्त्री रोग विशेषज्ञ के तौर पर लंबी सेवाएं दे चुकी है।
कांग्रेस को नहीं मिल रहा विकल्प
वहीं कांग्रेस के पास हरिद्वार में मजबूत विकल्प नहीं मिल रहा है। अभी तक कांग्रेस नेताओं की पत्नियों या रिश्तेदारों ने ही आवेदन किया है। लेकिन कांग्रेस को अभी भी मजबूत विकल्प की तलाश है जो भाजपा से चुनाव में बढ़त दिला सके। फिलहाल एडवोकेट वरूण बालियान की माता और पत्रकार मनोज सैनी की पत्नी ने अपना दावा पेश किया है। कांग्रेस महानगर अध्यक्ष अमन गर्ग ने बताया कि अभी दावे आ रहे हैं। अच्छे उम्मीदवार का ही चयन किया जाएगा। शिक्षा, सक्रियता, पार्टी में निष्ठा वाले उम्मीदवार को ही मौका देने पर विचार चल रहा है। पार्टी हाईकमान के भी दिशा निर्देशों का इंतजार किया जा रहा है।