MLA Umesh Kumar खानपुर विधायक उमेश कुमार और पूर्व विधायक प्रणव सिंह चैंपियन विवाद में अब कानूनी दांवपेंच शुरु हो गए हैं। मोर्चा संभाला है कि प्रणव सिंह के खास माने जाने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता अरुण भदौरिया ने। अरुण भदौरिया के मुताबिक 26 जनवरी को दोपहर करीब साढे तीन बजे ऐसा हुआ जिसका जिक्र पुलिस ने नहीं किया। अब उन्होंने कोर्ट में दरख्वास्त लगाकर चैंपियन समर्थक मोंटी पंवार की ओर से उमेश कुमार पर मुकदमा दर्ज कराए जाने का आधार रखा है। अगर अरुण भदौरिया इसमें कामयाब हुए तो उमेश कुमार पक्ष पर एक ओर मकदमा दर्ज हो सकता है।
क्या है पूरा मामला
अरुण भदौरिया ने बताया कि रुड़की में प्रणब सिंह चैंपियन के साथ हुए हंगामें में गंभीर रूप से घायल मोंटी पवार पुत्र साधू राम ने अपने अधिवक्ता अरुण भदोरिया एडवोकेट के माध्यम से सीजेएम हरिद्वार श्री अविनाश कुमार श्रीवास्तव के न्यायालय में एक प्रार्थना पत्र दिया कि दिनांक 26 .1 .2025 की शाम लगभग 3:30 बजे उसे जान से मारने की नीयत से वादी पक्ष के आदमियों के द्वारा लाठी डंडों से वार किए गए थे।
जिसमें उसका सिर फट गया और स्थिति भयानक देखते हुए उस के सिर पर डॉक्टर के द्वारा टांके लगाए गए थे लेकिन उसके सिर पर आई चोट डॉक्टर द्वारा माननीय न्यायालय में पेश करने से पूर्व मेडिकल रिपोर्ट में उसे चोट को अंकित नहीं किया गया है जिस कारण उसकी रिपोर्ट कोतवाली रुड़की द्वारा दर्ज नहीं की गई है।
और मोंटी पवार के द्वारा मेडिकल कराए जाने के लिए वरिष्ठ जेल अधीक्षक कारागार हरिद्वार को आदेश पारित करने के लिए न्यायालय में प्रार्थना पत्र दिया गया है जिस पर सीजेएम हरिद्वार के द्वारा मामले के गंभीरता को देखते हुए वरिष्ठ जेल अधीक्षक कारागार हरिद्वार से इस संबंध में विस्तृत व्याख्या तलब की गई है जो 31 जनवरी 2025 में जिला कारागार द्वारा प्रस्तुत की जाएगी।
और उसके पश्चात प्रथम सूचना रिपोर्ट उमेश शर्मा के सहयोगियों के विरुद्ध मोंटी पवार की ओर से दर्ज किया जाएगा। इस संबंध में मोंटी पवार की ओर से कोतवाली रुड़की में एक प्रार्थना पत्र मुकदमा दर्ज कराए जाने हेतु दिया हुआ है मेडिकल रिपोर्ट होते ही मुकदमा दर्ज किया जाएगा ताकि न्याय की मंशा भी साफ हो।