पीसी जोशी।
पहले शाही स्नान पर जूना अखाडा परिसर में पेशवाई निकालने से एन वक्त पहले करंट लगने से भक्त की मौत के मामले की की जांच अभी तक पूरी नहीं हो पाई है। वही जिला प्रशासन अभी तक ये तय नहीं कर पाया है कि हादसा क्यों हुआ था और भक्त नितिन दास की मौत का जिम्मेदार कौन सा विभाग है और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ क्या कार्रवाई जिला प्रशासन कर रहा है।
हालांकि पहले जिलाधिकारी सी रविशंकर इस मामले की जांच प्राथमिकता के आधार पर करने का दावा कर रहे थे। लेकिन अभी तक जांच पूरी नहीं हुई है। जिला प्रशासन के मुताबिक इस मामले की जांच एडीएम प्रशासन भगवत किशोर मिश्रा ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है, जो भी गवाह है उसमें अपने बयान दर्ज करा सकते हैं।
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करंट से मौत थी बडी लापरवाही
11 मार्च को कुंभ मेले के पहले शाही स्नान सुबह जूना अखाडे के मायादेवी मंदिर परिसर में करंट की चपेट में आने से एक भक्त की मौत हो गई थी। भक्त की शिनाख्त नितिन दास पुत्र मोहन दास निवासी वेल्थूर, केरला के तौर पर हुई है। जूना अखाडे के परिसर में अग्नि और आह्वान अखाडा की तैयारियां चल रही थी। एक छडी उपर से गुजर रही हाई—टेंशन लाइन की चपेट में आ गई। इससे नितिन दास इसकी चपेट में आ गया और गंभीर घायल हो गया। उसे आनन—फानन में जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। लेकिन सबसे बडा सवाल ये है कि जब पेशवाई निकलती है तो पहले ही बिजली कट कर दी जाती है तो यहां लापरवाही क्यों और कैसे बरती गई, इसका जवाब देने के लिए कोई तैयार नहीं है।