अतीक साबरी, रूडकी।
कलियर के गांव आसफंनगर में शमशान घाट न होने के कारण गांव के लोगो ने एक वर्षीय बच्चे की डेड बॉडी को मार्ग पर रख मार्ग को बंद कर दिया है, जिससे आने जाने वाले राहगीरों को भी परेशानी उठानी पड़ी। ग्रामीणों की मांग थी कि सालों से गांव में शमशान घाट नहीं है इसके कारण लोगों को अंतिम संस्कार के लिए भारी परेशानी का सामना करना पडता है। बाद में ग्रामीणों की मांग पर शमशान घाट बनाने का आश्वासन दिया गया, तब जाकर ग्रामीणों ने मार्ग को खोल दिया।
कलियर के पास आसफंगर गांव पड़ता है, इस गांव में हिंदू समुदाय के कई परिवार रहते हैं। इनका आरोप है कि गांव में आजतक न तो शमशान घाट की भूमि चिन्हित की गई और न ही शमशान घाट का निर्माण किया गया, जिस कारण गांव के लोग अंतिम संस्कार एक अस्थाई भूमि व इसके पास बने नाले में करते चले आ रहे थे, अस्थाई जमीन मालिक ने यहां पर अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया था।
जिस कारण गांव के लोगो को भारी परेशानी हो गई, इससे पहले गांव के लोग नाले में ही अंतिम संस्कार करते चले आ रहे थे, बरसात में नाले में पानी भर जाता है जिस कारण अंतिम संस्कार नही हो सकता है। बुधवार को ही गांव के सूरज राठौड़ के एक साल के पुत्र इशांत राठौड़ की मौत हो गई इसके अंतिम संस्कार करने के लिए शमशान घाट नही मिल पाया जिसके चलते म्रतक के परिवार वालो ने धनोरी से बिहारीगढ़ जाने वाले मार्ग पर सुबह 11 बजे शव रखकर मार्ग को पूरी तरह बंद कर दिया, और गांव में ही शमशान घाट की भूमि की मांग करने लगें, साथ ही ग्रामीणों ने ग्राम प्रधान पर भी झूठे आश्वाशन का आरोप लगाया है।
सूचना पर धनोरी चोकी इंचार्ज एन के बचकोटी पुलिस फ़ोर्स को साथ लेकर पहुँचे और मामले की जानकरी ली, सूचना पर लेखपाल आदेश भी मोके पर पहुँचे और ग्राम प्रधान पति के साथ मिलकर गांव में ही ग्राम समाज की भूमि को चिन्हित किया, काफी देर बाद पटवारी ने ग्राम समाज की भूमि को चिन्हित कर प्रधान की मौजूदगी में गांव वालों को श्मशान घाट के लिए दे दी है, ग्रामीणों की मांग पूरी होने पर मार्ग को चालू कर दिया गया, काफी देर मार्ग बन्द रहा जिस कारण राहगीरों को काफी परेशानी उठानी पड़ी।
हरिद्वार: बच्चे का शव रखकर ग्रामीणों ने जाम लगाया, ये कर रहे थे मांग
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