राकेश वालिया।
कुंभ कार्यों को समय से पूरा करने को लेकर संतों ने चिंता जताई है। साथ ही सरकार से मांग की है कि अफसरों को तय समय सीमा के भीतर काम पूरा करने के लिए गंभीरता से कदम उठाने के निर्देश दिए जाए। श्री चेतन ज्योति आश्रम में चर्चा के दौरान भारत साधु समाज के पंजाब एवं जम्मू प्रांत के अध्यक्ष महामण्डलेश्वर स्वामी महादेव महाराज ने कहा कि संत बाहुल्य क्षेत्र भूपतवाला में कुंभ कार्यो की व्यवस्था को लेकर मेला प्रशासन के अफसरों को संतों को विश्वास में लेकर काम करना चाहिए, तो कुंभ का सफल आयोजन किया जा सके।
उन्होंने कहा कि भूपतवाला और सप्तसरोवर क्षेत्र में बड़ी संख्या में यात्री श्रद्धालु आते हैं और कुंभ मेला प्रारम्भ होने में बहुत ही कम समय रह गया है। ऐसे में कुंभ से जुड़ा कोई भी कार्य इन क्षेत्रों में प्रारम्भ नहीं किया जाना प्रशासन की उदासीनता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि संतों की चुप्पी को उनकी कमजोरी ना समझा जाए। यदि जल्द ही प्रशासन के अधिकारी भूपतवाला क्षेत्र में कुंभ कार्यो को आरम्भ नहीं करते हैं तो उन्हें इसका भारी खामियाजा भुगतना पड़ेगा।
चेतन ज्योति आश्रम के परमाध्यक्ष स्वामी ऋषिश्वरानन्द महाराज ने कहा कि उत्तरी हरिद्वार संत बाहुल्य नगरी है। कुंभ कार्यो में तेजी लाने की आवश्यकता है। अधिकारी इस और ध्यान दें। निर्माण कार्य तेजी के साथ नहीं किए जा रहे हैं। जिन कारणों से सप्तऋषि क्षेत्र निवासियों को भारी असुविधाओं का सामना भी करना पड़ रहा है। कंुभ के आधे अधूरे कार्य तेजी के साथ पूरे किए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि मठ मंदिरों अखाड़ों के संत महापुरूषों से कुंभ मेले की व्यवस्थाओं को लेकर अधिकारियों को विचार विमर्श करना चाहिए।
क्योंकि महाकुंभ मेला की अवधि निकट है। भारी तादाद में देश विदेश से संत महापुरूष कुंभ मेले के आयोजन में हिस्सा लेने पहुंचते हैं। स्वामी ऋषिश्वरानन्द ने यह भी कहा कि कुंभ मेले की व्यवस्थाओं में सुधार नहीं लाया गया तो संत समाज सड़कों पर उतरेगा। उन्होंने कहा कि अधिकारी हो जाएं राईट वरना होगी फाईट। युवा भारत साधु समाज के अध्यक्ष महंत शिवानंद महाराज ने कहा कि भूपतवाला क्षेत्र यात्री बाहुल्य क्षेत्र है। बड़ी संख्या में श्रद्धालु भक्तों का आना लगा रहता है। धार्मिक क्रियाकलाप भी क्षेत्र में संचालित रहते हैं। ऐसे में मूलभूत सुविधाओं को लेकर किए जा रहे निर्माण कार्य अतिशीघ्र पूरे किए जाएं। अधिकारी जनता व संत महापुरूषों से संवाद बनाकर महाकुंभ मेले की व्यवस्थाओं पर रूपरेखा तैयार करें। महाकुंभ मेले की व्यवस्थाएं युद्ध स्तर पर की जाएं।
इस दौरान संतों ने अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरी महाराज व महामंत्री श्रीमहंत हरिगिरी महाराज को वाई श्रेणी व सभी तेरह अखाड़ों को गनर उपलब्ध कराए जाने पर मुख्यमंत्री का आभार जताते हुए ब्रह्मलीन जगदगुरू रामानंदाचार्य स्वामी हंसदेवाचार्य महाराज के नाम पर एक प्रवेश द्वार और गंगा घाट बनाने की भी मांग की। इस अवसर पर महंत दुर्गादास, महंत सुमित दास, स्वामी केशवानंद, स्वामी ऋषि रामकिशन, महंत सूरजदास, महंत अरूणदास आदि संतों ने भी विचार रखे।
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