विकास कुमार।
डेढ़ साल बाद अपने घर रोशनाबाद गांव लौटी हॉकी स्टार वंदना कटारिया अपनी मां के गले लगकर अपने आंसू नहीं रोक पाई। वंदना के पिता नहार सिंह की तीन महीने पहले ही मौत हुई थी और वंदना तब ओलपिंक की तैयारी में थी जिसके कारण वो पिता के अंतिम संस्कार में भी शामिल नहीं हो पाई थी। लेकिन बुधवार को जब वंदना अपने परिवार से मिली तो पिता की मौत का गम उनके आंसू बनकर बाहर आ गया।
वंदना को बचपन से ही पिता का सबसे ज्यादा सपोर्ट और प्यार मिला जिसके बाद वंदना राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपना मुकाम बनाने में कामयाब रही। वंदना ने कहा कि मुझे अपने परिवार से मिलकर बहुत खुशी हो रही है लेकिन इस बात का गम भी है कि मेरे पिता आज हमारे साथ नहीं है। उनका सपोर्ट मुझे हर बार मिला और यही कारण था कि उनके अंतिम संस्कार में मैं शामिल नहीं हो पाई, क्योंकि मुझे उनका सपना पूरा करना था।
ओलपिंक में भारतीय टीम के प्रदर्शन पर उन्होंने कहा कि पूरी टीम बहुत ज्यादा सकारात्मक सोच के साथ खेली और ओलपिंक में सबसे अच्छा प्रदर्शन किया। हम मैडल भले ही ना जीते हो लेकिन देश का दिल जीतने में कामयाब रहे हैं।
वंदना का सुबह जोलीग्रांट एयरपोर्ट पर स्वागत हुआ और इसके बाद वो हरिद्वार पहुंची जहां स्थानीय लोगों ने उनका जोरदार स्वागत किया। रोशनाबाद स्पोस्ट्स स्टेडियम में भी उनके लिए सम्मान समारोह आयोजित किया गया था। इसके बाद गांव में सभी समुदायों और जातियों के लोगों ने वंदना जिंदाबांद के नारे लगाते हुए वंदना का जोरदार स्वागत किया।