करण खुराना/विकास कुमार/ऋषभ चौहान।
साल 2017 में हरिद्वार के जाने माने कंबल कारोबारी अमित दीक्षित उर्फ गोल्डी निवासी निर्मला छावनी की हत्या में गिरफ्तार हुए हरिद्वार के दो सगे भाई जिनमें एक को बाद में सजा भी हुई विक्की और निक्की ठाकुर हरिद्वार शहर से भाजपा प्रत्याशी मदन कौशिक के प्रचार में कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे हैं। इन दोनों के वीडियो और फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं, जिसके बाद हरिद्वार के व्यापारियों में नाराजगी है। वहीं दूसरी ओर दोनों भाईयों का संबंध कुख्यात संजीव जीवा से भी रह चुका है। 2019 में दोनों को रेलवे के ठेकेदार से रंगदारी मांगने के आरोप में गिरफ्तार भी किया गया था। वहीं अब दोनों भाई भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और शहर से भाजपा के प्रत्याशी मदन कौशिक का प्रचार कर रहे हैं।
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ट्रैवल्स और भू व्यवसाय में हस्तक्षेप
वरिष्ठ अपराध संवाददाता के मुताबिक विक्की और निक्की ठाकुर जेल से आने के बाद रंगदारी में गिरफ्तार हुए और ट्रैवल्स व भू कारोबार में भी पैठ बनाई। दोनों एक प्रमुख धर्मशाला को लेकर चर्चाओं में हैं जिसमें खादी की सरपरस्ती भी इन दोनों को मिल गई है। वहीं हरिद्वार में इन दोनों का नाम बहुत तेजी से बढा है। अब भाजपा के प्रचार में दोनों की उपस्थिति हरिद्वार के व्यापारियों में चर्चा का विषय बना हुआ है।
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क्या कहते हैं व्यापारी
हरिद्वार के कुछ व्यापारियों से हमने बात करने चाही लेकिन उन्होंने कहा कि हम खुलकर कुछ नहीं बोल सकते इसलिए नाम ना छापने की शर्त पर उन्होंने बताया कि अमित दीक्षित हत्याकांड ने हरिद्वार के व्यापारियों को हिलाकर रख दिया था। अभी भी उसकी दहशत व्यापारियों में हैं। ऐसे हत्याकांड में शामिल रहे आरोपियों का सार्वजनिक राजनीतिक प्रचार में घूमना किसी सदमे से कम नहीं है। उन्होंने कहा कि ये जगजाहिर है कि इनकी भूमिका अब संदिग्ध हो चली है क्योंकि कई मामलों में इनका नाम आ चुका है। सोशल मीडिया पर इनकी फोटो वायरल हो रही है। इससे व्यापारियों में खासी नाराजगी भी है।
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क्या था अमित दीक्षित हत्याकांड
असल में हरिद्वार के कंबल व्यापारी अमित गोल्डी की हत्या 2017 में उनके घर के बाहर की गई थी। बाद में पुलिस ने संजीव जीवा के दो शूटरों मुजाहिद और शाहरुख पठान को गिरफ्तार किया था। साथ ही ब्रदी बावला धर्मशाला में रहने वाले दोनों भाई विवेक और निखिल ठाकुर उर्फ विक्की व निक्की ठाकुर व रितेश शर्मा को गिरफ्तार किया था। इसमें अदालत ने संजीव जीवा, मुजाहिद, शाहरुख और विवेक ठाकुर को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। जबकि निखिल और रितेश शर्मा को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया था। उस समय ये भी बात सामने आई थी कि बदमाश प्रापर्टी कारोबारी सुभाष सैनी की हत्या करने आए थे और गलती से उन्होंने अमित दीक्षित की हत्या कर दी थी। इस घटना के बाद विक्की और निक्की ठाकुर का कई मामलों में नाम आ चुका है।
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