Haridwar Jail News हरिद्वार जेल रोशनाबाद में एचआईवी पॉजिटिव कैदियों की संख्या 23 हो गई है। पहले ये संख्या 15 पंद्रह बताई जा रही थी। हालांकि जेल प्रशासन ने ये भी साफ किया कि कैदियों को एचआईवी संक्रमण जेल के अंदर नहीं हुआ है बल्कि ये संक्रमण बाहर हुआ है। जेल में आने के दौरान टेस्ट में इन सभी कैदियों को अलग अलग समय पर संक्रमण मिला, जिसके बाद एहतियाती कदम उठाए गए। वहीं जिलाधिकारी कर्मेंद्र सिंह ने भी इस मामले में जेल प्रशासन से रिपोर्ट तलब की है।
किस कारण से हुआ एड्स
जेल प्रशासन की मानें तो अधिकतर कैदियों की उम्र 20 से तीस साल के बीच हैं। ये सभी हरिद्वार और आस पास के इलाकों से आए हैं। इनमें से अधिकतर को एचआईवी ड्रग लेने के कारण हुआ है। नशे के कारण खासतौर पर इंजेक्शन वाले नशे के कारण एड्स के मामले नशे करने वालों में बढ़ रहे हैं। वहीं 23 में से 22 कैदी विचाराधीन हैं जबकि 1 कैदी 2006 से बंद हैं जिसे सजा हुई है।
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संक्रमित कैदियों को रखा जाता है अलग
जेलर मनोज आर्य ने बताया कि कैदियों को अलग बैरक में रखा जाता है और संक्रमित कैदियों की विशेष देख रेख की जा रही है। हालांकि किसी के साथ भेदभाव नहीं किया जाता है और सभी मौके समान रूप से दिए जाते हैं। इनी दवाई का बंदोबस्त भी नियमानुसार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जेल में एचआईवी संक्रमण ना फैले इसका भी पूरा ख्याल रखा जाता है।

नशा बरबाद कर रहा जिंदगी
वहीं सामाजिक कार्यकर्ता अभिषेक शर्मा ने बताया कि नशा लोगों का जीवन बरबाद कर रहा है। नशे के कारण परिवार तबाह हो रहे हैं। जेल में बंद कैदियों में एचआईवी संक्रमण और इसका कारण नशा साफ संकेत करता है कि नशा किस तरह से समाज में जानलेवा संक्रमण फैला रहा है।