Haridwar city issue drug liquor is not issue for voters

हरिद्वार की जंग: नशा राजनीतिक नहीं बल्कि सामाजिक मुद्दा है, बोले हरिद्वार के मतदाता

विकास कुमार/ऋ​षभ चौहान।
हरिद्वार शहर विधानसभा चुनाव में कांग्रेस भाजपा के खिलाफ नशा को अपना बडा मुद्दा बना रही है। इस बारे में हमने हरिद्वार शहर के मतदाताओं से राय ली और जानना चाहा कि नशा उनके लिए कितना बडा मुद्दा है। वहीं दूसरी ओर हरिद्वार शहर से ज्यादा नशे का मसला हरिद्वार से सटी रानीपुर सीट पर सबसे ज्यादा है। लेकिन यहां कांग्रेस उसे मुद्दा नहीं बना पा रही है। जबकि हरिद्वार में इसे चुनावी मुद्दा बनाया जा रहा है। अधिकतर लोगों का कहना है कि ये कोई राजनीतिक मुद्दा नही है।

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नशा सामाजिक मुद्दा, जिसे मिलकर लडना है
हरिद्वार की राजीव नगर के रहने वाले अनिल कुमार ने बताया कि नशा चुनावी मुद्दा नहीं है और ना ही हमें इस पर राजनीति करनी चाहिए। क्योंकि नशा सिर्फ हरिद्वार में नहीं है बल्कि ये पूरे विश्व की समस्या है। हरिद्वार में बार बार नशे का मुद्दा बनाकर हरिद्वार को बदनाम करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अगर हरिद्वार के युवा नशे की लत में है तो उसे मिलकर लडने की जरुरत है ना कि इसे राजनीतिक मुद्दा बनाने की।
ब्रह्मपुरी निवासी हरीश कुमार ने बताया कि ड्राई एरिया होने के कारण यहां नशे को बहुत बढ चढ कर दिखाया जा रहा है। जबकि नशा सबसे ज्यादा रानीपुर विधानसभा में ज्यादा है। रानीपुर के ज्वालापुर में नशे के इंजेक्शन बिकते हैं। सिडकुल और दूसरे क्षेत्र इससे ज्यादा प्रभावित है। उन्होंने कहा कि हरिद्वार की स्थिति दूसरे इलाकों से बेहतर है। जहां तक शराब की बात है तो सरकारी स्तर पर दुकानें खुली है और लोग पी रहे हैं। लेकिन अत्यधिक पीना हानिकारक होता है। जबकि हरिद्वार ग्रामीण कच्ची शराब जिसके हरिद्वार के भगवानपुर और झबरेडा क्षेत्र में पीकर कई लोगों की जान चली गई थी, बडी समस्या है। हरिद्वार ग्रामीण में कच्ची शराब बनाई जाती है जो वहां के लिए मुद्दा हो सकता है लेकिन हरिद्वार शहर के लिए नही।
ज्वालापुर कडच्छ निवासी मातली देवी बताती हैं कि नशे के कारण कई लोग अपना घर बर्बाद कर लेते हैं। लेकिन इसके लिए सरकार या किसी नेता को दोष देना ठीक नहीं है। नशा करने वाला खुद भी जिममेदार है। ये एक सामाजिक बीमारी है जिसे समाज के सभी लोगों को एकजुट होकर लडना चाहिए।
वहीं टिबडी के संजीत सैनी ने बताया कि नशे को लेकर अभियान चलाए जाने की जरुरत है। जनप्रतिनिधियों को इसमें आगे आना चाहिए। ताकि अवैध शराब की ब्रिकी को खत्म किया जा सके। उन्होंने बताया कि पुलिस को इसमें सक्रियता से काम करना चाहिए। जहां तक नशे को लेकर राजनीति का सवाल है ये हमारे लिए मुद्दा नहीं है। बल्कि महंगाई और बेरोजगारी बडा मुद्दा है, जिसे हल करने की जरुरत है।

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