हॉलमार्क गोल्ड की पहचान
रतनमणी डोभाल। दीवाली के मौके पर ज्वैलर्स अपना खूब प्रचार कर रहे हैं और उपभोक्ताओं को तरह—तरह के आफर भी पेश कर रहे हैं। कई बार झूठी बातें भी उपभोक्ताओं को आकर्षित करने के लिए बताई जाती है या फिर अच्छा सोना बताकर कम शुद्धता वाला सोना बेच दिया जाता है। हॉलमार्क गोल्ड की पहचान क्या है।
सोना खरीदने के दौरान क्या सावधानी बरतनी चाहिए और कैसे सोने की शुद्धता का पता लगाकर जालसाजी से बचा जाए। यही नहीं सोने के आभूषण की कीमत कैसे निकाले, और हॉलमार्क के नए नियम क्या हैं, गोल्ड खरीदने से पहले बरतें सावधानी में क्या—क्या हैं नीचे तक पढें
सबसे पहले गोल्ड की करंट रेट चेक करें
गोल्ड खरीदने से पहले आपको सोने की कीमतों के बारे में जानकारी लेनी चाहिए। क्योंकि गोल्ड की कीमतें सुबह और शाम दिन में दो बार अपडेट होती हैं इसलिए गोल्ड खरीदते वक्त इसका ध्यान रखना बेहद जरुरी है। सोने की कीमत इस बात पर निर्भर करती है कि आप कौन से शहर से ताल्लुक रहते हैं। मसलन समुद्री किनारे वाले इलाकों में सोने की कीमत कुछ और होगी जबकि देश के अंदरुनी इलाकों में इसकी कीमत अलग होगी। हॉलमार्क गोल्ड की पहचान क्या है
सोने की शुद्धता का पता कैसे लगाएं, हॉलमार्क गोल्ड की पहचान क्या है
दूसरा अहम सवाल कि सोने की शुद्धता यानी गोल्ड प्योरिटी, जिसके बारे में जानकारी होना सबसे महत्वपूर्ण है। क्योंकि सोने की शुद्धता में ही सबसे ज्यादा खेल या कहें धोखाधडी की जाती है। सोने की शुद्धता मापने के लिए कैरट इकाई का प्रयोग किया जाता है। कैरेट जितना ज्यादा होगा सोने की शुद्धता भी उतनी ही ज्यादा होगी।
चूंकि सोना अपनी प्योर फार्म में बेहद सॉफट मेटल हैं इसलिए इसमें अन्य मेटल जैसे कॉपर निकिल, सिल्वर आदि मिलाया जाता है ताकि आभूषण तैयार किए जा सके। सोने की मात्रा और अन्य तत्वों के अनुपात के आधार पर ही कैरेट तय किया जाता है। यानी सोने की शुद्धता बताई जाती है। शुद्ध सोने का कलर चमकता हुआ पीला होता है, ये बहुत सॉफट होता है।
हरिद्वार के प्रसिद्ध Sitaram Jewellers के मालिक अनिल गोयल ने बताया कि किसी भी प्रकार की धोखाधडी से बचने के लिए सिर्फ हॉलमार्क वाला सोना ही खरीदना चाहिए। नए नियमों के अनुसार तीन मार्क गोल्ड पर होने चाहिए। पहला बीआईएस का Logo, दूसरा कैरेट की जानकारी और तीसरा यूनिक आईडी नंबर। इन तीनों को गौर से देख जरुर लें। हॉलमार्क गोल्ड की पहचान क्या है
24 कैरेट गोल्ड, हॉलमार्क गोल्ड की पहचान क्या है
सबसे शुद्ध सोना 24 कैरेट का होता है इसे 24के या फिर 999 भी कहते हैं। यानी इसकी शुद्धता 99.90 होती है। हालांकि 24 कैरेट के सोने से ज्वैलरी का निर्माण कम ही किया जाता है। क्योंकि सोने के आभूषणों के निर्माण के दौरान सोने में कुछ अन्य तत्व भी मिलाए जाते हैं। जिससे उसकी प्योरिटी कम हो जाती है। 24 कैरेट के सोने के अधिकतर सिक्के या फिर गोल्ड बार खरीदी जाती है।
22 कैरेट गोल्ड, हॉलमार्क गोल्ड की पहचान क्या है
वहीं दूसरी सबसे फेमस कैटेगरी हैं 22 कैरेट गोल्ड, इसे 916 भी कहा जाता है। क्योंकि 22 केरेट सोने में प्योर गोल्ड की मात्रा 91.67 होती है। बाकी का हिस्सा दूसरे मेटल का होता है, जिसमें कॉपर, सिल्वर निकिल जिंक। दूसरे तत्व ज्यादा मिले होने के कारण ये 24 कैरेट से ज्यादा हार्ड यानी कठोर और ड्यूरेबल होता है। 22 कैरेट गोल्ड सोने के आभूषण निर्माण में सबसे ज्यादा प्रचलित है। जबकि 24 कैरेट गोल्ड सोने में निवेश के लिए अच्छा माना जाता है।
18 कैरेट गोल्ड, हॉलमार्क गोल्ड की पहचान क्या है
अब बात आती है 18 कैरेट गोल्ड की, 18 कैरेट गोल्ड को 750 भी कहते हैं क्योंकि इसमें 75 प्रतिशत सोना होता है 25 प्रतिशत दूसरे मेटल होते हैं। ये भी आभूषण निर्माण में प्रयोग होता है। ये 22 केरेट गोल्ड से ज्यादा हार्ड और ड्यूरेबल होता है। इसी तरह 14 और 10 कैरेट गोल्ड भी होता है।
यहां अहम बात ये है कि सोने की शुद्धता के आधार पर ही कीमत तय होती है। सोना 24 कैरेट हो या फिर 22 कैरेट या 18 कैरेट, तीनों ही कैटेगरी के सोने की कीमत अलग अलग होगी और कैरेट जितना कम होगा सोने की कीमत भी कम होगी। इसलिए सोना खरीदते हुए इस बात का ध्यान जरुर रखें।
मेकिंग जार्च, गोल्ड खरीदने से पहले बरतें सावधानी
सोने की शुद्धता वाले रेट तय करने के बाद अब आती है बात मेकिंग चार्ज की। मेकिंग चार्ज जैवलरी पर लागू होता है मतलब सोने से आभूषण तैयार करना भी एक कारीगिरी है और जिसका चार्ज सुनार लेते हैं। हालांकि उपभोक्ता की दृष्टि से ये निगोशिएबल होती है यानी आप मेकिंग चार्ज पर सुनार से भावतौल कर सकते हैं। हॉलमार्क गोल्ड की पहचान क्या है
आमतौर पर मेकिंग चार्ज इस बात पर निर्भर करता है कि गोल्ड से जो ज्वैलरी बनी है वो डिजाइन कैसे हैं सिंपल डिजाइन है तो मेकिंग चार्ज कम होना चाहिए जबकि बारीक और अच्छी कारीगरी है तो मेकिंग चार्ज ज्यादा होगा।
वेस्टेज चार्ज : कई बार सोने से आभूषण तैयार करते वक्त सुनार वेस्टेज चार्ज भी जोड देते हैं। क्येांकि सोने से आभूषण बनाने के दौरान कुछ वेस्ट भी होता है। हालांकि, इन दिनों मशीनों से काम हो रहा है जिसमें वेस्टेज नहीं होता है। वहीं अच्छे कारीगर भी कम से कम वेस्टेज करते हैं।
गोल्ड की फाइनल प्राइस, हॉलमार्क गोल्ड की पहचान क्या है
लेकिन सवाल ये है कि आप सोना खरीदते वक्त फाइनल चार्ज कैसे निकाले, क्या इसका कोई फार्मूला है या फिर सिर्फ अंदाजा ही लगाया जा सकता है। हमारी रिसर्च बताती है कि आप आसान से फामूला के आधार पर सोने की फाइनल कीमत निकाल सकते हैं।
Final Jewellery Price निकालने के लिए आपको खरीदे गए गोल्ड की कीमत कैरेट के अनुसार प्रति ग्राम निकालिए, वो भी उस दिन की जिस दिन आप सोना खरीद रहे हैं। इसके बाद मेकिंग चार्ज तो तय हुआ वो जोडिए, वेस्टेज चार्ज अगर कोई है तो उसे भी जोड लीजिए और जीएसटी नियम के अनुसार एड कर लीजिए आमतौर पर ये तीन प्रतिशत होती है। इन सबको जोडने के बाद जो कुल कीमत आएगी वो ही फाइनल गोल्ड प्राइस होगा। हॉलमार्क गोल्ड की पहचान क्या है
Sitaram Jewellers के मालिक अनिल गोयल ने बताया कि इन दिनों उपभोक्ताओं को लुभाने के लिए तरह—तरह के आफर दिए जा रहे हैं। जिसमें डिस्कांउड और निश्चित उपहार भी शामिल होता है। लेकिन हमें इन सबसे बचना चाहिए। उपभोक्ता को ये सोचना चाहिए कि सोने की कीमत के अलावा फेयर चार्ज कौन ले रहा है। डिस्कांउट और गिफ्ट के चक्कर में नहीं फंसना चाहिए। हॉलमार्क गोल्ड की पहचान क्या है
हॉलमार्क कैसे चेक करें
हॉलमार्क साइन के साथ—साथ हालमार्क यूनिक आइडेंटिफिकेशन नंबर यानी एचयूआईडी नंबर भी जरुर होना चाहिए। कुल मिलाकर सोने के आभूषण पर तीन मार्क होंगे, पहला होगा बीआईएस का लोगो, दूसरा यूनिक आईडी नंबर और तीसरा सोने की शुद्धता दर्शोने वाला कैरेट की डिटेल। लेकिन ये क्या होती है कैसे दिखती है। हॉलमार्क गोल्ड की पहचान क्या है
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