चंद्रशेखर जोशी।
हरिद्वार के नए जिलाधिकारी दीपेंद्र चौधरी ने मंगलवार केा अपने पहले दरबार में मातहत अफसरों के पेंच कस दिया। उन्होंने कर्मचारियों व बाबूओं को शिकायतों को गंभीरता सेकर शिकायतों का निस्तारण त्वरित करने का फरमान जारी किया। इस दौरान उन्होंने शिकायतों को भी सुना और उनका निस्तारण किया। वहीं दूसरी ओर उन्होंने साफ किया कि किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जो अब तक होता आया है उसे बदलने के निर्देश देकर लोगों की समस्याओं को निस्तारण करने की बात कही। ?
जिलाधिकारी दीपेंद्र चैधरी की अध्यक्षता में हरिद्वार तहसील में तहसील दिवस का आयोजन किया गया। उनके साथ मुख्य विकास अधिकारी श्री विनीत तोमर, अपर जिलाधिकारी प्रशासन श्री बीके मिश्र, एसडीएम सदर श्रीमती कुसुम चैहान ने फरियादियों की परेशानी सुनीं। कुल 31 शिकायतें पंजिकृत हुईं। उन्होंने उपस्थित अधिकारियों के माध्यम से शिकायतों का निराकरण कराया। तहसील दिवस में अनुपस्थित विभागों के अधिकारियों से स्पष्टिकरण देने के निर्देश भी जिलाधिकारी ने दिये।
जिलाधिकारी ने शिकायतकर्ताओं की समस्या सुनी और सम्बंधित विभाग को निस्तारण के लिए निर्देशित किया। डीएम ने सुनवाई के बीच ही तहसील दिवस में उपस्थित तहसील कार्मिकों, विभागीय अधिकारियों को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि जनता मिलन, तहसील दिवस आदि में आनी वाली जन शिकायतों की प्रकृति को देख कर यदि कोई भी कर्मचारी या अधिकारी ये समझ ले कि बिजली, पानी, नाली, सप्लाई आदि की समस्या त्वरित निस्तारण करने वाली होती है तो जन साधरण की 50 प्रतिशत से अधिक समस्याओं का निराकरण बहुत कम समय में आपके स्तर पर ही हो सकता है।
उन्होंने सभी अधिकारियों से कहा कि अपने लेवल पर निस्तारित की जा सकने वाली समस्याओं और असहाय, निराश, गरीब, बुजुर्ग अशिक्षितों के प्रति संवेदनशील बनें। कई समस्यायें दीर्घ अवधि की होती हैं ऐसी समस्याओं के बारे में आम जन को जानकारी दी और संतोषजनक उत्तर देते हुए अवगत करायें कि यह कार्य किस स्तर पर होना सम्भव है और इसमें कितना समय लगेगा। लोगों को कार्यालयों के चक्कर न कटायें।
जनता दरबार: नए डीएम दीपेंद्र चौधरी ने कसे अफसरों के पेंच, शिकायतों पर ये सुनाया फैसला
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