करण खुराना/विकास कुमार।
हरिद्वार ग्रामीण पर बसपा के मुस्लिम उम्मीदवार हाजी युनूस अंसारी के आने से मुस्लिम मतदाताओं में बिखराव की स्थिति के मद्दनेजर कांग्रेस के मुस्लिम नेता मुस्लिम मतदाताओं को कांग्रेस के झंडे तेल लामबंद करने में कामयाब दिख रहे हैं। सराय, धनपुरा और अन्य इलाकों में कांग्रेस की बैठकों में जुटी भीड इसकी ओर इशारा कर रही है। वहीं दूसरी ओर लडकी हूं लड सकती हूं की तर्ज पर अनुपमा का बेटी—बहन का इमोशनल कार्ड भी सीधे महिलाओं को टच किया। यही कारण है कि सराय और भोगपुर में जब अनुपमा रावत की आंखों से आंसू बह रहे थे तो वहां मौजूद लोगों की आंखे भी नम हो गई थी।
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इन मुस्लिम नेताओं ने साधे मुस्लिम वोटर
हालांकि शुरु में लग रहा था कि बसपा के मुसिलम प्रत्याशी पर मुस्लिम वोट का धुव्रीकरण हो सकता है। लेकिन, मुस्लिम नेताओं ने बसपा की घुसपैठ को कम करने में कामयाब हासिल की। इसमें बसपा से कांग्रेस में आए मुकर्रम अंसारी, मुशर्रफ अंसारी, इरशाद अंसारी का योगदान मुख्य रहा। इसके अलावा सलीम प्रधान धनपुरा, नजाकत प्रधान पदर्था, गुलशन अंसारी, शानू अंसारी, मंगता प्रधान, ताहिर प्रधान कुन्हारी, तालिब प्रधान, गालिब प्रधान, तालिब और फुरकान गाडोवाली, सलीम प्रधान, कालू प्रधान, तज्जमुल हसन, अमजद, आबिद, सईद अहमद, नौशाद, पप्पू अंसारी दौडबसी, दिल्ली कुन्हारी, शमशेर भढाना, इमरान, पप्पू प्रधान, ईशा प्रधान, डालू गुर्जर, आजाद चेची, इरशाद भडाना, नजर अंसारी, हकीमुल्ला उस्मानी आदि नेताओं ने भी मुस्लिम मतों को बांधने में कामयाबी हासिल की। हालांकि चुनाव के नतीजे ही तय करेंगे कि इन नेताओं की मेहनत रंग लाई। हालांकि अभी तो लग रहा है कि मुस्लिम मतों का अधिकतर हिस्सा कांग्रेस की ओर जा रहा है।