BSP Muslim Candidae in Haridwar बसपा उम्मीदवार मौलाना जमील अहमद
BSP Muslim Candidae in Haridwar बहुजन समाज पार्टी बसपा ने हरिद्वार से पूर्व विधायक मौलाना जमील अहमद को लोकसभा प्रत्याशी बनाया है। हालांकि उनके इस फैसले से सभी हैरत में है ओर बसपा से पैराशूट प्रत्याशी के तौर पर मौलाना जमील अहमद के आने से वोटों के धुव्रीकरण का प्रबल संभावना जता रहे हैं। वहीं कुछ इसे हरिद्वार में भाजपा और बसपा के गठजोड़ के तौर पर भी देख रहे हैं।
कौन है मौलाना जमील अहमद
मौलाना जमील अहमद कासमी मूलरूप से मुज्जफरनगर के रहने वाले हैं और पेशे से किसान हैं। 2012 से 2017 के बीच वो मुज्जफरनगर की मीरापुर विधानसभा से विधायक रह चुके हैं। हालांकि बाद में वो लोकदल में भी शामिल हो गए थे। लेकिन इन दिनों बसपा में उनकी वापसी हुई है और बसपा ने उन्हें हरिद्वार से लोकसभा प्रत्याशी बना दिया है। मौलाना जमील अहमद कासमी अपने भाषणों के कारण भी चर्चा में रहते हैं। माना जा रहा है कि उनके आना से हरिद्वार में वोटों का धुव्रीकरण धर्म के नाम पर होगा जिसका सीधा फायदा भाजपा को मिलने की उम्मीद है।
BSP Muslim Candidae in Haridwar
क्या सोचते हैं मुस्लिम मतदाता
ज्वालापुर निवासी फरमान अली ने बताया कि जमील अहमद के आने से चुनाव सीधे तौर पर हिंदू मुस्लिम हो जाएगा। बसपा का ये फैसला सही नहीं है। अगर बसपा को मुस्लिम प्रत्याशी ही उतारना था तो हरिद्वार से बसपा के विधायक शहजाद को टिकट दिया जा सकता था। मंगलौर निवासी जुबेर अहमद ने बताया कि पैराशूट प्रत्याशी के तौर पर जमील अहमद कासमी को टिकट देने से प्रतीत होता है कि बसपा और भाजपा की कोई अंदरुनी डील है। बसपा के नेताओं को टिकट देने से पहले सोचना चाहिए था।
सराय निवासी नदीम अहमद ने बताया कि मौलाना जमील अहमद यूपी के मुज्ज्फरनगर से विधायक रहे हैं ऐसे में उन्हें यूपी से ही टिकट दिया जाना चाहिए था। इनके आने से धुव्रीकरण होगा। मुस्लिम सोच समझ कर ही वोट करेगा।
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