विकास कुमार/ऋषभ चौहान।
मतगणना से ठीक चंद घंटों पहले उत्तराखण्ड के हरिद्वार जनपद में बसपा के प्रत्याशियों और दूसरे बडे नेताओं की गुप्त बैठक हुई है। रुडकी में हुई इस बैठक में भाजपा या कांग्रेस दोनों में से किसको समर्थन देना सही रहेगा इस पर चर्चा हुई। सूत्रों की मानें तो बैठक में अधिकतर बसपा प्रत्याशियों ने भाजपा को समर्थन ना देने पर हामी भरी। वहीं कुछ ने वेट एंड वॉच की रणनीति पर बात रखी। गौरतलब है कि बसपा हरिद्वार की छह सीटों पर कडी फाइट में है और अनुमान है कि बसपा की दो से तीन सीटें आ सकती है।
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भाजपा को सशर्त समर्थन पर भी चर्चा हुई
वहीं बसपा के अधिकतर प्रत्याशियों का कहना था कि भविष्य की राजनीति करनी है तो भाजपा को समर्थन देना ठीक नहीं रहेगा। क्योंकि बसपा के अधिकतर नेता ग्रामीण क्षेत्र की राजनीति करते हैं, खासतौर पर पंचायत और नगर निकायों की राजनीति में इन नेताओं का अहम योगदान रहता है। इसलिए भाजपा को समर्थन देने की स्थिति में इनकी पंचायत और नगर निकायों की राजनीति पर असर पडेगा। हालांकि बसपा से जीत के एक प्रबल प्रत्याशी ने ये बात रखी कि अगर भाजपा मैदानी क्षेत्र से किसी भाजपा नेता को मुख्यमंत्री बनाने पर राजी हो जाती है तो भाजपा को समर्थन देने पर सोचा जा सकता है। इस पर दूसरे बसपा नेताओं ने भी हामी भरी। हालांकि पार्टी के सभी नेताओं और प्रत्याशियों का एक मत ये भी था कि जो बहनजी का आदेश होगा उसके अनुसार ही निर्णय लिया जाएगा।
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कांग्रेस ने बसपा से संपर्क साधा
वहीं सूत्रों के अनुसार कांग्रेस के एक दिग्गज नेता ने बसपा के तीन नेताओं जो चुनाव लडे हैं उनसे फोन पर बात की है और भविष्य की राजनीति पर चर्चा की है। कल के नतीजों के बाद हरिद्वार जनपद अहम भूमिका में आ सकता है। खासतौर पर बसपा के नेताओं और प्रत्याशियों पर भाजपा और कांग्रेस के नेताओं ने डोरे डालने शुरु कर दिए हैं।
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