चंद्रशेखर जोशी।
आर्टिकल 15 फिल्म को लेकर ब्राह्मण समाज के विरोध के बाद अब भीम आर्मी फिल्म के समर्थन में सडकों पर उतर आई है। दलित समाज के लोगों ने फिल्म को प्रदर्शित किए जाने की मांग की है। साथ ही ब्राह्मण सभा जैसे संगठनों को लोकतंत्र विरोधी बताया है जो फिल्म का विरोध कर रहे हैं। दलित समाज के लोगों ने कहा कि हम पर सदियों से अत्याचार किए जाते रहे हैं। अब फिल्म के माध्यम से ये बात दुनिया को बताने का प्रयास किया जा रहा है तो कुछ फर्जी धर्मरक्षकों को ये बुरा लग रहा है। लोकतंत्र विरोधी इस काम को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
भेल अनूसूचित जाति इम्पलाईज वैलफेयर एसोसिएशन ने जिला अधिकारी को ज्ञापन सौंपकर फिल्म आर्टिकल-15 को सिनेमा घरों में प्रदर्शित किए जाने की मांग की है। एसोसिएशन का कहना है कि समाज की सच्चाई पर आधारित फिल्म का कुछ संगठनों द्वारा विरोध किया जा रहा है। संगठनों के विरोध के चलते जनपद में फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगायी गयी है। जोकि उचित नहीं है। अध्यक्ष अशोक कटारिया ने कहा कि फिल्म में अनुसूचित जाति पर हो रहे अत्याचारों को दर्शाया गया है। फिल्म में कहीं भी किसी समाज की भावनाओं को आहत करने वाला कोई दृश्य नहीं है। फिल्म सच्चाई पर आधारित है। इसलिए फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगाया जाना उचित नहीं है। सीपी सिंह ने कहा कि आजादी के 70 साल बाद भी समाज में व्याप्त कुरातियों को फिल्म में दर्शाया गया है।
फिल्म सेंसर बोर्ड से प्रमाणित की गयी है और सिनेमाघरों में दिखाने की अनुमति प्रदान की गयी है। कुछ लोग समाज में भेदभाव फैलाने के लिए फिल्म का विरोध कर शांति व्यवस्था को बिगाड़ने का काम कर रहे हैं। इसके पूर्व फिल्म पद्मावती का भी कुछ सामाजिक संगठनों द्वारा विरोध किया गया था। जिसको बाद में रिलीज कर दिया गया था। इसलिए फिल्म पर लगायी गयी रोक को हटाकर इसके प्रसारण की अनुमति प्रदान की जाए। जो लोग फिल्म देखने सिनेमा घरों में जा रहे हैं। उनकी सुरक्षा व्यवस्था भी की जाए। यदि फिल्म पर लगायी गयी रोक को नहीं हटाया गया तो दलित समाज सड़कों पर उतरकर आंदोलन करने को मजबूर होगा। इस दौरान ब्रह्मपाल सिंह, सोमपाल सिंह, जिला पंचायत सदस्य रोशनलाल, तीर्थ पाल रवि, श्याम सुन्दर, सतीश कुमार, पार्षद नेपाल सिह, प्रधान नरेश कुमार, जानी कुमार, अरूण कुमार, कृष्ण कुमार, राजेश गौतम, राजदीप नैनवाल, रोहित कुमार, विनोद तोमर, वेद प्रकाश आदि भी मौजूद रहे।