चंद्रशेखर जोशी।
नशे की लत हरिद्वार के युवाओं की जिंदगी बरबाद कर रही है। स्वास्थ्य विभाग के आंकडों के मुताबिक पिछले पांच सालों में हरिद्वार के शहरी इलाकों में चार सौ युवाओं को नशे का आदी पाया गया, जो इंजेक्शन से नशा करते हैं। इनमें से 75 युवाओं को जानलेवा बिमारी एचआईवी पौजिटिव पाया गया है। यही नहीं इन पांच सालों में 32 युवाओं ने अपनी जान गांव दी। हालांकि ये वो संख्या है जिन तक विभाग पहुंच पाया है। जबकि इंजेक्शन से नशा करने वालों की संख्या इससे कहीं ज्यादा है। इनमें मलिन बस्तियों में रहने वाले लोग भी हैं तो कई अच्छे परिवारों से आते हैं, जबकि कई लडकियां भी इसकी शिकार हो चुकी हैं। इन चार सौे में से करीब दौ सौ युवाओं का इलाज मेला अस्पताल स्थित ओएसटी सेंटर में चल रहा है। नशा करने वाले अधिकतर युवाओं की उम्र 18 साल से 30 साल के बीच है। जबकि कई किशोर भी हैं जो नशा करते पाए गए हैं।
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इन इलाकों में सबसे ज्यादा नशेडी
हरिद्वार में ज्वालापुर और कनखल में सबसेे ज्यादा नशा हो रहा है। ज्वालापुर में जहां मोेहलला कस्साबान, पीठ बाजार, पांव धोई, अहबाब नगर, सुभाष नगर, राम धाम कॉलोनी, विजय नगर और सराय में सबसे ज्यादा नशा हो रहा है। जबकि कनखल के अलग—अलग इलाकों के अलावा जगजीतपुर में भी इंजेक्शन से नशा करने वाले युवाओं की संख्या कम नहीं है। उत्तरी हरिद्वार में घाटों पर रहने वाले युवा भी इसकी चपेट में पाए गए हैं।
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लडकियोंं को भी लगी नशे की लत
हरिद्वार के शहरी इलाकों मेंं रहने वाली लडकियों को भी नशे की लत लग गई है। कई लडकियां ऐसी हैं जोे अपने दोस्तों के कारण इंजेेक्शन से नशा करने लगी तो कुछ मनोरंजन के लिए ऐसा कर रही थी। जबकि कुछ मानसिक तनाव में होने के कारण नशे की आदी हो गई। सामाजिक कार्यकर्ता विशााल गर्ग ने बताया कि समाज के लोगों को नशे के खिलाफ खडा होना होगा। साथ ही पुलिस को भी मेडिकल स्टोर संचालकों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए जो युवाओं को नशे के इंजेकशन बेच रहे हैं।
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मेडिकल स्टोर पर खुले बिक रहे इंजेक्शन
ज्वालापुर और कनखल के कर्ई मेडिकल स्टोर पर नशे के इंजेक्शन खुलेआम बिक रही है। नशे के इंजेक्शनों को गैर कानूनी तरीके से बेचा जा रहा है। आसान से इंजेक्शन मिलने के कारण ही युवा इस नशे की चपेट में आ रहे हैं। अमर उजाला केे वरिष्ठ क्राइम रिपोर्टर कुणाल दरगन ने बताया कि हरिद्वार में इंजेक्शन से नशा करने वाले युवाओं की संंख्या लगातार बढ रही है। स्वास्थ्य विभाग अभी तीस प्रतिशत युवाओं तक ही पहुंच पाया है। जबकि वास्तविक संख्या इससेे कहीं ज्यादा है। उन्होंने बताया कि पुलिस और प्रशासन इसे रोक पाने में नाकाम साबित हो रहा है। या ये कहना गलत नहीं होेगा पता होने के बाद भी कार्रवाई नहीं हो रही है। अगर समय रहते कार्रवाई नहीं हुर्ई तो हरिद्वार की पूरी युवा पीढी कोे बरबाद होने से कोई नहीं रोक सकता है।
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क्या करता है ओएसटी सेंटर
ओएसटी सेंटर के नोडल आॅफिसर डा. अजय कुमार ने बताया कि नेशनल एड्स कंट्रोल आर्गेनाइजेेशन के तहत चलने वाले ओएसटी सेंटर में एक एनजीओ के माध्यम से नशा करने वाले युवाओं से संपर्क किया जाता है। उन्हें सेंटर में लाकर नशा ना करने के बारेे में बताया जाता है। साथ ही नशा छोडने की दवाई भी दी जाती है। इसके लिए रोजाना इन युवाओं को सेेंटर पर आना पडता है।
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कलियर में भी सबसे ज्यादा नशेडी
फिलहाल जिले में एक ही ओएसटी सेंटर हैं और ये शहर के युवाओं को ही कवर कर पाता है। रूडकी और दूसरे ग्रामीण इलाकों में अभी ये सुविधा नहीं दी जा रही है। डा. अजय कुमार ने बताया कि कलियर में हमें बडी संख्या में इंजेक्शन से नशा करने वाले युवक मिले हैं। जल्द ही जनपद के दूसरे इलाकों के युवाओं को नशे से मुक्ति दिलाने के लिए ओएसटी सेंटर स्थापित किया जाएगा।