Kumb mela Haridwar juna akhara naga sanyasi

उत्तर प्रदेश की भाजपा नेत्री राजनीति छोड़ बन गई महिला नागा साधु, रेलवे अफसर ने छोडा घर—परिवार

गोपाल रावत।
जूना अखाडा ने जिन 200 महिलाओं को नागा संन्यासी बनाया है उनमें यूपी की भाजपा नेत्री भी हैं, जिन्होंने घर—परिवार के साथ—साथ राजनीति केा अलविदा कहकर संन्यास ग्रहण कर लिया। वहीं रेलवे के एक बडे अफसर ने भी त्यागी बनकर जूना अखाडे के नागा संन्यासी के तौर पर दीक्षा ग्रहण की है। वहीं नागा संन्यासियों को बनाने का अगला चरण 25 अप्रैल को होगा, जिसके लिए पंजीकरण किया जा रहा है।
दीक्षा लेने वालों में नागा सन्यासिनी माई केैलाश गिरि तथा नागा सन्यासी महंत रमेश गिरि का नाम विशेष उल्लेखनीय है। यह दोनों ही दूधेश्वर पीठाधीश्वर श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज के शिष्य है। माई कैलाश गिरि स्नातक है और सामाजिक क्षेत्र के साथ साथ राजनीति में भी सक्रिय रही है। हरनंदेश्वर महादेव मन्दिर हिण्डन गाजियाबाद निवासी माई कैलाश गिरि का पूर्व नाम सरोज शर्मा था जो कि सन्यास दीक्षा के बाद कैलाश गिरि हो गया है। माई कैलाश गिरि भाजपा के सांस्कृतिक प्रकोष्ठ की जिलाध्यक्ष के साथ साथ प्रदेश स्तर पर भी कई पदो पर रह चुकी है। 50 वर्षीय माई कैलाश गिरी नगर निगम का चुनाव भी लड चुकी हैं। श्रीमहंत नारायण गिरि से प्रभावित होकर उन्होने 2010 में कैलाश मानसरोवर की यात्रा की और तभी से वह धर्म की ओर आर्कषित हो गयी। हरिद्वार कुम्भ में उन्होने पूर्ण रूप से सन्यास ग्रहण कर लिया।
श्रीमहंत नारायण गिरि के दूसरे शिष्य महंत रमेश गिरि वृन्दावन के रहने वाले है वह उत्तर रेलवे में सुरक्षा अधिकारी पद से हाल में ही सेवानिवृत हुए है। उन्होने बताया सर्विस के दौरान उनकी भेंट श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज से हुयी और तभी से उनका ध्यान अध्यात्म की हो आकृष्ट हो गया,जिसके चलते सेवानिवृत होने के बाद उन्होने सन्यास ग्रहण कर लिया अब वह वृन्दावन में आश्रम बना कर रह रहे है।

खबरों को व्हट्सएप पर पाने के लिए मैसेज करें : 8267937117

Share News

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *