धर्मनगरी को खेलनगरी बनाने वाले अफसर IAS Anshul Singh ने लिखी विकास की पटकथा, क्या—क्या किया

धर्मनगरी को खेलनगरी बनाने वाले अफसर IAS Anshul Singh ने लिखी विकास की पटकथा, क्या—क्या किया
शेयर करें !

IAS Anshul Singh धर्मनगरी हरिद्वार को खेलनगरी के तौर पर विकसित करने वाले युवा आईएएस अफसर आईएएस अंशुल सिंह को हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष पद से सरकार ने डीएम अल्मोड़ा की जिम्मेदारी दी है। अंशुल सिंह ने प्राधिकरण के कई पुराने प्रोजेक्टों को पूरा किया तो नई आवासीय कॉलोनियों से लेकर स्पोट्स की आधारभूत सुविधाओं को राष्ट्रीय स्तर का बनाया। यही नहीं हरिद्वार में डाम कोठी लेन को वीआईपी लेन के तौर पर विकसित कर हरिद्वार का सेल्फी प्वांइट बनाया। क्या रहे आईएएस अंशुल सिंह के प्रमुख कार्य।

खेलनगरी के लिए काम किया
हरिद्वार भल्ला स्टेडियम सिर्फ वीआईवी अ​तिथियों के हेलीकॉप्टर उतरने तक सीमित रह गया था। लेकिन अंशुल सिंह ने इसे इंटरनेशनल लेवल का क्रिकेट ग्राउंड बनाया। अंतराष्ट्रीय स्तर के मानकों वाली क्रिकेट पिचें बनाई गई। ग्रांउड में अंडर वॉटर सिंचाई और ड्रेनेज सिस्टम डेवलप किया। यही नहीं हरिद्वार के खिलाडियों ने पहली बार नाइड मैचों का आनंद लिया। एचआरडीए भल्ला स्टेडियम आज हरिद्वार की पहचान बन गया है।

धर्मनगरी को खेलनगरी बनाने वाले अफसर IAS Anshul Singh ने लिखी विकास की पटकथा, क्या—क्या किया
धर्मनगरी को खेलनगरी बनाने वाले अफसर IAS Anshul Singh ने लिखी विकास की पटकथा, क्या—क्या किया

स्पोस्ट्स कॉम्पलेक्स का किया कायाकल्प
एचआरडीए स्पोस्टस कॉम्पलेक्स में पहले बैडमिंटन की व्यवस्था थी जो इंटरनेशनल लेवल की नहीं थी। लेकिन अंशुल सिंह ने इसे इंटरनेशनल लेवल के मानकों वाला बनाया और दर्शक दीर्घा के लिए अलग से व्यवस्था की गई। यही नहीं स्पोस्ट्स काम्पलेक्स में बैंडमिंटन के अलावा बॉक्स क्रिकेट, फुटबॉल, लॉन टेनिस, जिम, स्कावश कोर्ट की भी व्यवस्था है।

गरीब बच्चों को दिलाई फ्री कोचिंग
यही नहीं अंशुल सिंह आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों के लिए फ्री कोचिंग की व्यवस्था लेकर आए। सौ से अधिक बच्चों का पहले चरण में चयन कर निशुल्क किट और कोचिंग स्पोर्ट्स काम्पलेक्स में दी जा रही है। इसके अलावा सभी खेलों के कोच भी रखे गए जिससे हरिद्वार के खिलाडियों को काफी लाभ मिल रहा है।

हाईवे पर बनाया स्पोर्टस् जोन
अंशुल सिंह ने नया प्रयोग करते हुए शंकराचार्य चौक और भूपतवाला फ्लाईओवर के नीचे स्पोट्स जोन का निर्माण किया। इन खाली पड़े स्पेस में बॉक्स क्रिकेट, लान टेनिस, टेबल टेनिस, फुटबॉल, वालीबॉल की व्यवस्था की गई। यही नहीं पार्किंग स्पेस भी डेवलप किया गया। अंशुल सिंह ने यहां चौबीस घंटे निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे भी लगवाएं। हरिद्वार ही नहीं बल्कि रायवाला ऋषिकेश तक के बच्चे यहां खेलने आ रहे हैं।

इंद्रलोक आवासीय योजना फेस वन के फ्लैट बेचे
हरिद्वार रुडकी विकास प्राधिकरण के इंद्रलोक आवासीय योजना फेस वन के फ्लैट को बेचना प्राधिकरण के लिए लोहे के चने चबाना जैसा हो गया था। लेकिन नए प्लान के तहत अंशुल सिंह ने इन फ्लैट्स का रिनोवेशन किया और आज इनमें से अधिकतर फ्लैटस को बेचा जा सकता है। इसी के साथ ट्रांसपोर्ट नगर में भी विभाग अधिकतर प्लाट बेचने में कामयाब रहा।

नई विकास योजनाएं लेकर आए
अंशुल सिंह ने हरिद्वार की आवासीय जरुरतों को पूरा करने के लिए आसिफ नगर में गंगा व्यू आवासीय योजना लेकर आए। इसी के साथ सिडकुल में इंद्रलोक आवासीय योजना फेस टू की भी रूपरेखा तैयार की जो जल्द ही लांच होने वाली है।

हरिद्वार डाम कोठी लेन की बदली सूरत
अंशुल सिंह के अभिनव प्रयोग यही नहीं रूके। उन्होंने हरिद्वार डामकोठी लेन का कायाकल्प किया और आज ये एरिया हरिद्वार का सबसे वीआईपी जोन के तौर पर प्रसिद्ध हो गया है। यहां नए सेल्फी प्वाइंट बने हैं जो यात्रियों के साथ साथ बड़ी संख्या में स्थानीय लोग सेल्फी लेने के लिए आते हैं।

सौ से अधिक पार्क बनाए
हरिद्वार में पार्कों की सबसे ज्यादा कमी थी। लेकिन अंशुल सिंह ने सौ से अधिक पार्कों का कायाकल्प किया। शहीद पार्क जैसे नए पार्क विकसित किए। इसके अलावा चंडी पुल, डामकोठी पुल और अन्य पुलों पर फसाड लाइटें लगाई।

घर—घर जाकर किए नक्शे पास, छोटे घरों के लिए आनलाइन सुविधा की
सुशासन की ओर कदम बढ़ाते हुए आईएएस अंशुल सिंह ने घर—घर जाकर नक्शे पास कराने के लिए पूरे जनपद में सुशासन कैंप आयोजित किए। इससे लोगों को बड़ी सुविधा मिली और लोगों को प्राधिकरण से सीधे संवाद करने का मौका मिला। वहीं प्राधिकरण की आय भी हुई। यही नहीं सौ वर्ग मीटर से कम के नक्शों को स्वीकृत के लिए घर बैठे आनलाइन व्यवस्था की।

आर्किटेक्ट की फ्री व्यवस्था
नक्शे पास कराने के लिए लघु आवासीय भवनों में लोगों की सुविधा के लिए फ्री आर्किटेक्ट सुविधा लांच की। इससे उपभोक्ता प्राधिकरण के कार्यालय आकर फ्री में अपने नक्शे तैयार कर स्वीकृत करा सकते हैं।

हरिद्वार रुड़की मास्टर प्लान
हरिद्वार रुड़की मास्टर प्लान की रूपरेखा तैयार करने में आईएएस अंशुल सिंह ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इससे हरिद्वार की भविष्य की जरुरतों को ध्यान में रखते हुए योजनाओं पर काम किया गया है।

दो सौ से अधिक अवैध कॉलोनियों पर चला दिया बुल्डोजर
यही नहीं अवैध निर्माण पर कार्रवाई करते हुए आईएएस अंशुल सिंह ने अपने कार्यालय में सबसे ज्यादा अवैध कॉलोनियों को ध्वस्त किया। करीब दो सौ से अधिक कॉलोनियों को सील किया गया और कईयों पर बुल्डोजर चलाया गया। यही नहीं बड़ी संख्या में अवैध निर्माण भी सील किए गए। इससे नियोजित विकास करने की दिशा में बढ़ा लाभ मिला।

प्राधिकरण की शैली में लाए बदलाव
इसके अलावा आईएएस अंशुल सिंह प्राधिकरण की शैली में बदलाव लेकर आए। जो अफसर और कर्मचारी लेट लतीफी करते थे उनको समय पर आने की आदत डलवाई गई। साथ ही कार्य में लापरवाही और उपभोक्ताओं को कल आना वाली शैली में बात करने वाले अफसरों पर कड़ा एक्शन लिया गया। इससे लोगों में विभाग की अच्छी छवि बनी।

इन सबके अलावा शहर और हाईवे पर पौधारोपण, नारसन प्रवेश द्वारा का निर्माण, भगवानपुर में झील का सौंदर्यीकरण से लेकर तमाम विकास कार्य प्राधिकरण की ओर से आईएएस अंशुल सिंह के कार्यकाल में किए गए।