हरिद्वार पुलिस का बड़ा खुलासा: कलियर से चोरी 3 माह का बच्चा 55 घंटे में बरामद, 6 गिरफ्तार हरिद्वार।
अतीक साबरी:-
कप्तान प्रमेन्द्र सिंह डोबाल की अगुवाई में हरिद्वार पुलिस ने एक बच्चा चोर गिरोह का 72 घंटे के भीतर भंडाफोड़ कर दिया है। यह गिरोह कलियर में सो रही मां की बगल से मात्र 3 माह के मासूम बच्चे को चुरा ले गया था। बच्चे का सौदा ₹4,90,000 में हुआ था। पुलिस ने इस मामले में बच्चा चोरी और खरीद-फरोख्त में शामिल 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया है और बच्चे को सकुशल बरामद कर लिया है।
घटना का विवरण और शिकायत
यह मामला 11 अक्टूबर 2025 को सामने आया, जब अमरोहा ज्योतिबा फुले नगर निवासी जहीर अंसारी ने थाना कलियर में शिकायत दर्ज कराई। जहीर अंसारी अपनी पत्नी और 3 माह के बेटे के साथ जियारत के लिए कलियर आए थे। 10/11 अक्टूबर की रात वे एक दुकान के पास रुके थे।शिकायतकर्ता के अनुसार, देर रात दो अनजान महिलाएं उनके पास आईं, जिन्होंने छेड़छाड़ की शिकायत करते हुए उनसे जान-पहचान बढ़ाई। कुछ देर बाद, एक महिला जहीर को चाय पिलाने के बहाने अपने साथ ले गई, और इस दौरान दूसरी महिला सो रही मां की गोद से बच्चे को चुराकर फरार हो गई
।एसएसपी के आदेश पर टीम गठित और त्वरित कार्रवाई
मामले की गंभीरता को देखते हुए, एसएसपी प्रमेन्द्र सिंह डोबाल ने तुरंत मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया और कलियर व आसपास के थानों की संयुक्त टीमें गठित कीं। उन्होंने बच्चे की जल्द तलाश के निर्देश दिए, साथ ही टेक्निकल सपोर्ट के लिए सीआईयू रुड़की प्रभारी को भी आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
एसएसपी डोबाल ने इस सफलता पर कहा कि, “गठित टीम ने कम टाइम में बढ़िया खुलासा किया है। आमजन भी इस ओर ध्यान दें कि अंजान लोगों पर विश्वास आपके लिए बड़े नुकसान का सौदा बन सकता है।”बच्चा चोरी और खरीद-फरोख्त की चेन का खुलासापुलिस टीमों ने मैनुअल और डिजिटल साक्ष्यों का पीछा करते हुए मेरठ तक पहुंच बनाई, जहाँ उन्हें इस वारदात की मुख्य कड़ी आस मोहम्मद लंगड़ा हाथ लगा। पूछताछ के आधार पर पुलिस ने पहले आस मोहम्मद की पत्नी शहनाज और फिर दूसरी महिला सलमा (बच्चा चोरी में शामिल अज्ञात महिलाएं) को दबोचा।पूछताछ में बच्चा चोरी के बाद उसे बेचने की पूरी चेन सामने आई।
पुलिस ने इस कड़ी में अन्य संदिग्ध महिला अंचन, नेहा शर्मा और बच्चे के अंतिम खरीददार विशाल गुप्ता उर्फ अच्ची को भी गिरफ्तार किया।
संतानहीनता बनी अपराध की वजह और मुनाफे का खेल
बच्चे का अंतिम खरीददार विशाल गुप्ता था, जिसकी शादी को 10 साल हो गए थे, लेकिन कोई संतान नहीं थी। वह प्रेम अस्पताल मेरठ में अपनी पत्नी के साथ इलाज करा रहा था, जहाँ नेहा शर्मा बतौर पेशेंट कोऑर्डिनेटर काम करती थी। विशाल ने नेहा को बच्चे के लालन-पालन की इच्छा जताई, जिसके बाद नेहा शर्मा एवं अन्य ने कलियर जैसे भीड़भाड़ वाले इलाके से बच्चा चोरी करने की योजना बनाई।
बच्चा बेचने में मुनाफे का खेल भी चला:
शहनाज व सलमा ने आस मोहम्मद लंगड़ा की मदद से बच्चा चोरी किया।चोरों ने बच्चा ₹3 लाख में अंचन को बेचा।अंचन ने बच्चा ₹3 लाख 90 हजार में नेहा शर्मा को बेचा।नेहा शर्मा ने ₹1 लाख का मुनाफा कमाते हुए बच्चे को कुल ₹4 लाख 90 हजार में विशाल गुप्ता को बेचा।
बच्चा सकुशल बरामद,
55 घंटे में सुलझी गुत्थी 👶सघन पूछताछ के आधार पर पुलिस ने नाबालिक शिशु को विशाल गुप्ता के घर से सकुशल बरामद किया। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक स्वयं इस संवेदनशील मामले की निगरानी कर रहे थे। उच्चाधिकारी गणों के निर्देशन में पुलिस टीम ने मुखबिर तंत्र का सहारा लेकर इस ब्लाइंड केस की गुत्थी को महज 55 घंटे के भीतर सुलझा दिया और नादान शिशु को उसके माता-पिता को सौंपा।
बच्चे को पाकर माता-पिता की आँखों से खुशी के आंसू छलक पड़े
।गिरफ्तार आरोपीपुलिस ने सभी 6 आरोपियों को हिरासत में लिया है।
आस मोहम्मद लंगड़ा (उम्र 36 वर्ष, निवासी मेरठ)शहनाज (उम्र 35 वर्ष, पत्नी आस मोहम्मद लंगड़ा, निवासी मेरठ)सलमा (उम्र 26 वर्ष, निवासी मेरठ)श्रीमती अंचन (उम्र 40 वर्ष, निवासी मेरठ)नेहा शर्मा (उम्र 35 वर्ष, निवासी मेरठ)विशाल गुप्ता उर्फ अच्ची (उम्र 39 वर्ष, निवासी मेरठ)बरामदगी: नाबालिक शिशु (उम्र 03 माह) और खरीद फरोख्त में इस्तेमाल ₹1 लाख नगद। ऑनलाइन भेजी गई ₹1 लाख की रकम को खाते में फ्रीज कर दिया गया है।