हरिद्वार नगर निगम जमीन मामला हरिद्वार नगर निगम जमीन खरीद घोटले में जमीन का लैंड यूज चेंज कराने के बाद करोड़ों रुपए का चूना लगाने वाले पति—पत्नी और देवर की भूमिका पर भी सवाल खड़े हो गए हैं। लेकिन सबसे बड़ा सवाल ये है कि निगम के अफसरों ने इतनी आसानी से करोड़ों का चूना कैसे लगवा लिया या फिर सब जान पहचानते हुए किया गया है। फिलहाल चार अधिकारी निलंबित हैं और जांच जारी है। सूत्रों के अनुसार इस मामले में जल्द ही मुकदमा हो सकता है।
लैंड यूज चेंज की शर्तों का हुआ उल्लंघन
हरिद्वार नगर निगम ने सराय स्थित कूड़ा प्लांट के पास करीब 35 बीघा जमीन खरीदी थी। कुल 2.39 हेक्टेयर जमीन में से .379 हेक्टेयर जमीन ही कृषि भूमि थी। जबकि बाकी सारी भूमि अकृषि खरीदी गई। जुलाई में जमीन बेचने का आवेदन करने के बाद अक्टूबर में विक्रेता सुमन देवी पति जितेंद्र कुमार और देवर धनपाल सिंह ने अपनी बाकी जमीन का लैंड यूज चेंज कराया।
21 अक्टूबर को गोडाउन बनाने के लिए लैंड यूज बदला गया और तुरंत ही जमीन को निगम को बेच दिया गया। लेकिन लैंड यूज चेंज करने के दौरान कागजों में ये शर्त रखी गई थी कि व्यवसायिक गतिविधि के इतर जमीन का प्रयोग किया गया तो ये लैंड यूज खुद ही निरस्त हो जाएगा। इस बात की जानकारी होते हुए भी पति पत्नी और देवर ने निगम को जमीन 25000 वर्ग मीटर में बेच दी। जिसकी कुल कीमत 54 करोड़ के करीब है। ऐसे में पति पत्नी और देवर ने भी धोखाधडी की है।
हरिद्वार नगर निगम जमीन मामला

अफसरों ने आसानी से कैसे लगवा लिया चूना
अब सवाल ये भी है कि अकृषि भूमि को खरीदने में क्या कागजों को सही से जांचा नहीं गया या फिर जान बूझकर कोताही बरती गई। पति पत्नी और देवर की धोखाधडी का निगम क्यों शिकार हो गया। फिलहाल नियमों के अनुसार डील रद्द हो चुकी है। इसमें तीनों के खातों को पहले ही फ्रीज किया जा चुका है। फिलहाल चार अफसर निलंबित हो चुके हैं और बाकी की भूमिका की जांच जारी है।