मुख्य मार्ग पर बेतरतीब कब्ज़ा: हज हाउस रोड बनी ‘संकरी गली’, तीर्थयात्री और स्थानीय परेशान
अतीक साबरी:-
दरगाह प्रशासन की ‘मेहरबानी’ पर सवाल; जॉइंट मजिस्ट्रेट के निर्देश के बावजूद अतिक्रमण पर ठोस कार्रवाई शून्य
पिरान कलियर:-धर्म और आस्था के केंद्र रुड़की दरगाह के मुख्य प्रवेश मार्ग, हज हाउस रोड, पर अस्थायी दुकानों और अवैध कब्ज़े ने यातायात को पूरी तरह से बाधित कर दिया है। तीर्थयात्रियों, स्थानीय निवासियों और राहगीरों को इस प्रमुख सड़क से गुज़रने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बीच सड़क तक कुर्सियाँ और सामान रखकर दुकानदारों ने सड़क को इतना संकरा कर दिया है कि यह किसी तंग गली से कम नहीं लगती।

प्रमुख सड़क पर अवैध कब्ज़े का जाल
हज हाउस रोड पर अतिक्रमणकारियों ने अपनी दुकानें इस कदर फैला रखी हैं कि पैदल चलना भी दूभर हो गया है। विशेषकर भीड़-भाड़ के समय, स्थिति विकट हो जाती है। यह सड़क न केवल दरगाह के लिए मुख्य पहुँच मार्ग है, बल्कि यह हज यात्रियों के लिए भी एक महत्वपूर्ण संपर्क बिंदु है।

स्थानीय नागरिकों का कहना है: “यह रोड अब किसी बाज़ार की तरह दिखती है, जहाँ नियम-कानून का कोई डर नहीं है। हम हर दिन जाम और अव्यवस्था से जूझते हैं, लेकिन प्रशासन की आंखें बंद हैं।”
प्रशासन की निष्क्रियता पर गंभीर सवाल सबसे गंभीर बात यह है कि इस अतिक्रमण पर दरगाह प्रशासन की चुप्पी कई सवाल खड़े कर रही है। ऐसा प्रतीत होता है कि दरगाह प्रशासन अवैध कब्ज़ेधारियों पर ‘मेहरबान’ है और बड़ी कार्रवाई से लगातार बच रहा है।हाल ही में, रुड़की के जॉइंट मजिस्ट्रेट (जेएम) दीपक राम चंद्र सेठ ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए तहसीलदार विकास अवस्थी को दरगाह का पूरा चार्ज सौंपा था। उम्मीद थी कि जेएम के स्पष्ट निर्देशों के बाद, वर्षों पुराने इस अतिक्रमण पर बुलडोज़र चलेगा, लेकिन धरातल पर अभी तक कोई ठोस और स्थायी कार्रवाई नहीं हुई है।
छोटी-मोटी कार्रवाई: कुछ मौकों पर नायब तहसीलदार युसफ अली आते हैं, हल्की-फुल्की चेतावनी देते हैं, और कभी-कभार कुछ कुर्सियों को हटाकर खानापूर्ति कर चले जाते हैं।परिणाम शून्य: इस दिखावटी कार्रवाई का अतिक्रमणकारियों पर कोई स्थायी असर नहीं होता, और उनके जाते ही स्थिति ‘ज्यों की त्यों’ हो जाती है।
तहसीलदार की ज़िम्मेदारी, अपेक्षित परिणाम गायब जॉइंट मजिस्ट्रेट द्वारा तहसीलदार को चार्ज दिए जाने के बावजूद, अतिक्रमण पर ‘शून्य कार्रवाई’ ने प्रशासनिक कार्यशैली पर बड़ा प्रश्नचिह्न लगा दिया है। सवाल यह है कि जब शहर के सबसे वरिष्ठ अधिकारी ने व्यवस्था सुधारने के लिए ज़िम्मेदारी सौंप दी है, तो फिर भी यह अतिक्रमण क्यों फल-फूल रहा है? क्या यह निर्देशों की अनदेखी है, या फिर इसके पीछे कोई अन्य दबाव काम कर रहा है?
यात्री और स्थानीय निवासी उम्मीद कर रहे हैं कि जॉइंट मजिस्ट्रेट दीपक राम चंद्र सेठ इस मामले में तत्काल संज्ञान लेंगे और तहसीलदार विकास अवस्थी को स्थायी अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाने के लिए सख्त निर्देश देंगे, ताकि हज हाउस रोड को अवैध कब्ज़े से मुक्त कराया जा सके और जनता को राहत मिल सके।


