कलियर शरीफ: आस्था के केंद्र में ‘डिजिटल धोखाधड़ी’ का ग्रहण! CSC सेंटरों की आड़ में आमजन से खिलवाड़, सरकारी सुविधाओं पर सवाल
अतीक साबरी:-कलियर शरीफ (उत्तराखंड): रुड़की के पास स्थित विश्व प्रसिद्ध धार्मिक स्थल कलियर शरीफ (पिरान कलियर), जो हज़रत अलाउद्दीन अली अहमद साबिर की दरगाह के कारण लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है, अब कुछ कथित कॉमन सर्विस सेंटरों (CSC) के कारण ‘डिजिटल धोखाधड़ी’ के जाल में फंसता दिख रहा है।स्थानीय लोगों और श्रद्धालुओं के बीच यह बात तेजी से फैल रही है कि कलियर क्षेत्र में खुले कुछ अनाधिकृत और अनैतिक सीएससी (जनसेवा केंद्र) संचालक सरकारी योजनाओं और डिजिटल सेवाओं की आड़ में आम लोगों के पैसे और महत्वपूर्ण दस्तावेजों के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।
धोखाधड़ी का तरीका: मासूमियत का फायदा
ये तथाकथित सेंटर संचालक, जो अक्सर कम पढ़े-लिखे या ग्रामीण पृष्ठभूमि के लोगों को निशाना बनाते हैं, कई तरीकों से धोखाधड़ी कर रहे हैं:पैसों का गोलमाल: सरकारी सेवाओं, फॉर्म भरने या बैंकिंग (AEPS) सेवाओं के नाम पर लोगों से अधिक फीस वसूलना, या जमा की गई पूरी रकम खाते में न डालकर खुद हड़प लेना।
दस्तावेजों से छेड़छाड़:
जन्म प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, आधार कार्ड या अन्य सरकारी दस्तावेजों को बनाने या सुधारने के नाम पर जाली या त्रुटिपूर्ण दस्तावेज तैयार करना, जिससे भविष्य में लाभार्थी को बड़ा नुकसान हो सकता है।
सरकारी योजनाओं का दुरुपयोग:
वृद्धावस्था पेंशन, राशन कार्ड या अन्य कल्याणकारी योजनाओं में गलत जानकारी भरकर या गलत दावे करके पात्र लोगों को लाभ से वंचित करना।धार्मिक स्थल की पवित्रता पर आंचकलियर शरीफ एक ऐसा स्थान है जहाँ देश-विदेश से हर धर्म के लोग श्रद्धा लेकर आते हैं। ऐसे पवित्र और संवेदनशील क्षेत्र में इस तरह का फर्जीवाड़ा न केवल स्थानीय लोगों के भरोसे को तोड़ता है, बल्कि इस धार्मिक स्थल की छवि पर भी नकारात्मक प्रभाव डालता है।
सीएससी सेंटर, जो ‘डिजिटल इंडिया’ की पहल के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी सेवाओं को पहुंचाने के लिए बनाए गए थे, उन्हीं की आड़ में हो रहा यह गोरखधंधा गंभीर चिंता का विषय है।प्रशासनिक कार्रवाई की मांगइस पूरे मामले पर क्षेत्र के प्रबुद्ध नागरिक और जनप्रतिनिधि तत्काल और कड़ी प्रशासनिक कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि:सभी सीएससी सेंटरों की तुरंत जांच की जाए और अनाधिकृत सेंटरों को सील किया जाए।
धोखाधड़ी करने वाले संचालकों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए ताकि वे अन्य लोगों को नुकसान न पहुंचा सकें।आम जनता को जागरूक किया जाए कि वे केवल अधिकृत और विश्वसनीय केंद्रों से ही सेवाएँ लें।.कलियर शरीफ की शांति और विश्वास को कायम रखने के लिए, प्रशासन को इस ‘डिजिटल फ्रॉड’ के खतरे को जल्द से जल्द खत्म करना होगा, ताकि धार्मिक आस्था के इस केंद्र पर किसी भी तरह की अनैतिक गतिविधि का साया न पड़े।





