कलियर:-तेज धार के हवाले बहादुर बेटा! कलियर में माँ को बचाया पर खुद गंगनहर में समाया बेटा-

20251113 193555 COLLAGE
शेयर करें !

हरिद्वार: माँ को बचाया पर खुद लापता हुआ बेटा,

अतीक साबरी:-

पिरान कलियर में ‘मौत की नहर’ बनी गंगनहर!​

व्यवस्था पर गंभीर सवाल: धार्मिक स्थल पर सुरक्षा शून्य, न जल पुलिस न गोताखोर तैनात​

पिरान कलियर (हरिद्वार)। आस्था के प्रमुख केंद्र पिरान कलियर में गंगनहर एक बार फिर एक परिवार के लिए काल बनकर सामने आई है। गुरुवार, 13 नवंबर 2025, को अपनी माँ को डूबने से बचाने के दौरान छत्तीसगढ़ का एक 35 वर्षीय जायरीन, मुर्शीद आलम, तेज बहाव वाली नहर में लापता हो गया।

इस गंभीर घटना ने प्रशासन की लापरवाह व्यवस्था पर बड़ा प्रश्नचिह्न लगा दिया है।​आए दिन डूबते हैं जायरीन, प्रशासन मौन​यह पहली घटना नहीं है। धार्मिक आस्था का केंद्र होने के कारण पिरान कलियर दरगाह पर वर्ष भर भारी भीड़ रहती है। बावजूद इसके, पिरान कलियर से गुजरने वाली नई गंगनहर के किनारे कोई सुरक्षा घेरा नहीं है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि हर साल बरसात और अन्य मौसमों में कई जायरीन दुर्घटनावश या नहाने के दौरान नहर में डूबकर अपनी जान गंवा देते हैं।​

लापता जायरीन की तलाश जारी, व्यवस्था ठप

​घटना के शिकार हुए फरीद आलम ने थाना पिरान कलियर में रिपोर्ट दर्ज कराई है। उन्होंने बताया कि उनके भाई मुर्शीद आलम अपनी 55 वर्षीय माँ नजीबन खातून को बचाते समय खुद नहर में बह गए। माँ को तो किसी तरह स्थानीय लोगों ने बचा लिया, लेकिन मुर्शीद आलम का कोई पता नहीं चल पाया है।​

“श्रद्धालुओं की भारी भीड़ और दुर्घटनाओं की नियमितता के बावजूद, यहां न तो स्थायी जल पुलिस चौकी है और न ही प्रशिक्षित गोताखोरों की टीम तैनात है। स्थानीय प्रशासन दुर्घटना के बाद सिर्फ कागजी कार्रवाई करता है।”​— स्थानीय निवासी (नाम न छापने की शर्त पर)

​बड़े धार्मिक स्थल पर क्यों नहीं सुरक्षा मानक?​

सवाल यह है कि जब पिरान कलियर देश के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है और लाखों श्रद्धालु यहाँ आते हैं, तो प्रशासन गंगनहर जैसे खतरनाक क्षेत्र की सुरक्षा के लिए गंभीर क्यों नहीं है?​

गोताखोरों का अभाव:

लापता लोगों की तलाश के लिए स्थानीय गोताखोरों या दूर से आने वाली NDRF/SDRF टीमों का इंतजार करना पड़ता है, जिससे गोल्डन आवर (बचाव का महत्वपूर्ण समय) बर्बाद हो जाता है।​चेतावनी बोर्ड नदारद: नहर के किनारे ‘खतरा’ या ‘नहाना मना है’ जैसे पर्याप्त और स्पष्ट चेतावनी बोर्ड नहीं लगे हैं।​

स्थायी चौकी की मांग:

स्थानीय लोगों ने कई बार जल पुलिस की स्थायी तैनाती की मांग की है, ताकि ऐसी दुर्घटनाओं को रोका जा सके और बचाव कार्य तेजी से शुरू हो सके।​पुलिस ने फरीद आलम की शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया है और लापता मुर्शीद आलम की तलाश के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है।