कलियर: अतिक्रमण का ‘कोढ़’, धार्मिक नगरी में श्रद्धालुओं की साँसें अटकी!​नियम-कानून ताक पर, अधिकारी ‘मोन’!

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कलियर: अतिक्रमण का ‘कोढ़’, धार्मिक नगरी में श्रद्धालुओं की साँसें अटकी!​नियम-कानून ताक पर, अधिकारी ‘मोन’!

अतीक साबरी:- कलियर क्षेत्र बना अतिक्रमण का गढ़, मुख्य मार्गों पर अवैध कब्जों से हाहाकार!​

कलियर (हरिद्वार)। धार्मिक सौहार्द और आस्था का केंद्र माने जाने वाला कलियर क्षेत्र आज अवैध अतिक्रमण के ‘कोढ़’ से कराह रहा है। दरगाह साबिर पाक के मुख्य बाजारों से लेकर ज़ीरो ज़ोन, हज हाउस रोड, मेंन गेट, पहाड़ी गेट, बुलंद दरवाज़ा गेट और फुवारा चौक तक, हर गली-चौराहा अतिक्रमण की गिरफ्त में है। स्थिति यह है कि दरगाह में आने वाले हज़ारों जायरीनों (श्रद्धालुओं) का पैदल चलना तक दूभर हो गया है, लेकिन स्थानीय नगर पंचायत और दरगाह प्रशासन इस गंभीर समस्या के आगे पूरी तरह से नतमस्तक नज़र आ रहे हैं।​

‘ज़ीरो टॉलरेंस’ के दावे हवा-हवाई: क्या यही है व्यवस्था?

​स्थानीय प्रशासन और दरगाह कमेटी की लचर कार्यप्रणाली ने अतिक्रमणकारियों के हौसले बुलंद कर दिए हैं। सड़कों पर स्थायी और अस्थायी अवैध कब्जे इस कदर फैल चुके हैं कि संकरे रास्ते ‘संक्रमण’ का रूप ले चुके हैं।

​मुख्य मार्ग अवरुद्ध:

हज हाउस रोड और ज़ीरो ज़ोन जैसे महत्वपूर्ण मार्ग पूरी तरह से अतिक्रमण की भेंट चढ़ चुके हैं, जिससे यहाँ अक्सर भारी जाम की स्थिति बनी रहती है।​

दरगाह के द्वार भी सुरक्षित नहीं:

आस्था के केंद्र दरगाह के मेंन गेट, पहाड़ी गेट और बुलंद दरवाज़ा गेट पर भी अवैध दुकानें और रेहड़ी-पटरी वालों का कब्ज़ा है, जिससे जायरीनों को अंदर जाने और बाहर निकलने में भारी परेशानी उठानी पड़ रही है।​

अव्यवस्था का आलम:

फुवारा चौक जैसे व्यस्त स्थानों पर भी अतिक्रमण के कारण यातायात व्यवस्था चरमरा गई है।​अधिकारी सब जानकर भी ‘हैरान’: चुप्पी पर सवाल​सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब स्थानीय लोग और जायरीन रोज़ाना इस परेशानी से जूझ रहे हैं, तो प्रशासन और शासन स्तर के दमदार अधिकारी इस पर चुप्पी क्यों साधे हुए हैं?

​क्या किसी बड़े हादसे का इंतज़ार है?​

अतिक्रमण के कारण न केवल रास्ता संकरा हुआ है, बल्कि किसी भी आपात स्थिति, जैसे कि आगजनी या भगदड़, में राहत और बचाव कार्य करना भी असंभव हो जाएगा। यह स्थिति सीधे तौर पर श्रद्धालुओं की जान को जोखिम में डाल रही है।​ सख्त कार्रवाई की दरकार​स्थानीय प्रशासन ने उर्स मेले जैसे मौकों पर एकाध बार दिखावटी कार्रवाई की है, लेकिन यह समस्या का स्थायी समाधान नहीं है। अतिक्रमण कुछ ही दिनों में वापस अपनी जगह जमा लेता है।​

जायरीनो की माँग है:

​प्रशासन को दिखावटी नहीं, बल्कि दमदार और स्थायी कार्रवाई करनी होगी। अवैध अतिक्रमण को हटाकर भविष्य में दोबारा कब्ज़ा न हो, इसके लिए कठोर मॉनिटरिंग सिस्टम और जवाबदेही तय करने की सख़्त ज़रूरत है। जब तक नगर पंचायत, दरगाह प्रशासन और ज़िलाधिकारी स्तर के अधिकारी मिलकर इच्छाशक्ति नहीं दिखाएंगे, तब तक कलियर क्षेत्र अतिक्रमण के इस अभिशाप से मुक्त नहीं हो पाएगा।