ऋषिकुल जमीन मामला

ऋषिकुल ज़मीन घोटाला: छोटे साहब के बड़े ‘खेल’ पर डीएम सख्त, बिठाई जांच, प्रोपर्टी डीलर की भूमिका भी संदिग्ध
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डीएम के संस्था का प्रशासक होने के बावजूद तहसील प्रशासन की हनक देखने लायक, प्रॉपर्टी डीलर पिता पुत्रों की जोड़ी की मार्फत छोटे साहब ने किया बड़ा खेल, डीएम को भी किया नजरअंदाज


हरिद्वार।ऋषिकुल विद्यापीठ संस्था की बेशकीमती भूमि को लेकर राजस्व परिषद के फैसले का परवाना पहुंचने से पहले राजस्व अभिलेखों में किसी अन्य का नाम दर्ज करने को लेकर बड़े भ्रष्टाचार की बू रही है। जिलाधिकारी कर्मेंद्र सिंह ने मामले को गंभीरता से लेते हुए विभागीय जांच बैठा दी है। बताया जा रहा है कि एक राजपत्रित अफसर ने भूमि पर व्यक्ति का नाम दर्ज करने को लेकर बड़ा खेल खेला है, एक प्रॉपर्टी डीलर गुप्ता ने मुख्य रोल अदा किया है, जो छोटे साहब का खास इन दिनों बना हुआ है। इस तरह की चर्चा बनी हुई है।

जिलाधिकारी कर्मेंद्र सिंह ने कहा कि जांच में सामने आने वाले तथ्य के अनुसार कार्रवाई होना तय है। विकास कॉलोनी में ऋषिकुल विद्यापीठ संस्था की करोड़ों की भूमि पर भूमाफियाओं की दृष्टि लगी हुई है ।भूमि पर अपने स्वामित्व का दावा कर रहे अलग-अलग चेहरे समय-समय पर राजस्व परिषद का दरवाजा खटखटाते रहते हैं ।पिछले दिनों राजस्व परिषद ने भूमि संबंधी दान नामा ना मिलने के आधार पर संस्था के खिलाफ फैसला देते हुए चुनौती देने वाले पक्ष को सही ठहराया था ।

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परिषद के फैसला का परवाना स्थानीय प्रशासन तक पहुंचा भी नहीं था कि उससे पहले तहसील प्रशासन ने आनन फानन में स्वामित्व का दावा कर रहे व्यक्ति की बजाय किसी अन्य का नाम राजस्व अभिलेखों में दर्ज कर दिया था। यह ताज्जुब की बात है।बड़ा सवाल यह है कि जिलाधिकारी संस्था के प्रशासक हैं, ऐसे में तहसील प्रशासन ने संपत्ति पर व्यक्ति का नाम दर्ज करने में आखिर क्यों इतनी जल्दबाजी दिखाई ।

इस सवाल को लेकर हर कोई दिमाग मथ रहा है, हर कोई सवाल का जवाब जानना चाहता है। सामान्य तौर पर इतनी जल्दबाजी कभी भी तहसील प्रशासन नहीं करता है।तहसील प्रशासन ने आखिर जिलाधिकारी कर्मेंद्र सिंह से वार्ता करना क्यों जरूरी नहीं समझा ।यह अपने आप में बड़ा सवाल है। चर्चा है कि कुछ समय पूर्वी नौकरी में आए एक राजपत्रित अफसर ने संपत्ति में नाम दर्ज करने को लेकर मुख्य भूमिका निभाई है ,इसकी वजह एक ही बताई जा रही है। चर्चा है कि छोटे साहब ने जमकर मलाई चाटी है। जिलाधिकारी कर्मेंद्र सिंह ने बिना परवाना आए संपत्ति में नाम दर्ज करने को लेकर जांच बैठा दी है। उनका कहना है कि इस संबंध में करवाई की जाएगी।

बताया जा रहा है प्रॉपर्टी का काम करने वाले पिता पुत्रों की जोड़ी आजकल छोटे साहब को अपना करीबी बताकर दलाली खुलकर कर रही है।पूरे शहर में चिल्ला चिल्ला कर ये लोग विवादित जमीनों के मामले डील कर रहे है। देखना दिलचस्प होगा कि डीएम को मुंह चिढ़ाने वाले आरोपियों के खिलाफ करवाई होगी या फिर हर बार की तरह…।