अल्मोड़ा अरबन कॉपरेटिव बैंक के ब्रांच और लोन मैनेजर का कारनामा सामने आया है। इस कारनामे में ब्रांच, लोन मैनेजर के साथ अन्य सहयोगी भी शामिल हैं। इस कारनामे में आधा दर्जन अधिक उपभोक्ता कॉपरेटिव बैंक के शिकार बने हैं, इन शिकार हुए उपभोक्ताओं में से एक शिकार के नाम से तो बैंक ने फर्जी कागज बनाकर थार ही बेच डाली, लेकिन जिस उपभोक्ता के नाम से थार बेची गई है, उस उपभोक्ता के पास आज तक थार नाम की कोई गाड़ी ही नहीं रही है। बैंक के यह कारनामे यही नहीं थमे और बैंक ने इसी उपभोक्ता के दस्तावेजों का प्रयोग करते हुए 15 अन्य लोगों के लोन में गारंटी लगा दी। बैंक का यह कारनामा जब उपभोक्ता के सामने आया तो उसके होश उड़ गए और कोतवाली नगर में बैंक की ओर से किए गए कृत्य के खिलाफ मामला दर्ज करा दिया। पुलिस ने उपभोक्ता की तहरीर के आधार पर मामला दर्ज कर लिया।
आईये बताते हैं क्या है बैंक के ब्रांच और लोन मैनेजर का कारनामा
कनखल निवासी कुणाल कौशिक ने बताया कि अल्मोड़ा अरबन कोपरेटिव बैंक की भोलागिरि रोड हरिद्वार स्थित शाखा से वर्ष 2022 में पांच लाख रूपये का मिडटर्म लोग और सीसी लिमिट ली थी। इसके अलावा बैंक ने उनका बचत खाता भी खोला, जिसकी उपभोक्ता ने आज तक कोई चेक बुक नहीं ली थी। बताया कि उनके फोन पर कभी भी कोई बैंक संबंधी मैसेज तक नहीं आता था। इस दौरान वह बैंक ऋण की किश्तों का भुगतान समय से कर रहा था, लेकिन इसी बीच पेटीएम की सिविल रिपोर्ट देखकर उपभोक्ता को अपने दस्तावेजों में गड़बड़ी होने का आभास हुआ।
यहां से शुरू हुए बैंक का कारनामा
कनखल निवासी कुणाल कौशिक ने बताया कि पेटीएम की सिविल रिपोर्ट देखकर जब उन्हें अपने दस्तावेजों में गड़बड़ी का आभास हुआ तो उन्होंने बैंक पहुंचकर लोन मैनेजर से सख्ती से पूछताछ की गई। पूछताछ के दौरान उन्हें पता लगा कि उनके खाते की चेक बुक जारी कर बैंक के कर्मचारियों ने कुछ चेकों और विड्राल फार्म पर हस्ताक्षरों की कूटरचना कर खाते में 9 और ढ़ाई लाख रूपये का आदान-प्रदान एक ही तिथि में किया है। यह बैंक स्टेटमेंट में दिखाया गया है। जिन लोगों के नाम से बैंक प्रबंधन ने चेक से भुगतान किया है, उसमें दो महिलाएं और एक पुरूष शामिल है, जिनमें से वह किसी को नहीं जानते हैं।
इन्होंने लोन फाइल और सीसी लिमिट की थी बैंक में तैयार
कोतवाली नगर में दर्ज शिकायत में कनखल निवासी कुणाल कौशिक ने बताया कि उनके मिडटर्म लोन और सीसी लिमिट की सभी फाइल लोन मैनेजर मनोज रावत और एजेंट सचिन सैनी ने तैयार की थी। तत्कालीन बैंक मैनेजर डीके पांडे और लोन मैनेजर मनोज रावत ने खाता खोलते समय एवं लोन स्वीकृति के दौरान उनसे केनरा बैंक शाखा हरिद्वार के दो हस्ताक्षर के साथ कोरे चेक और दो चेक बिना हस्ताक्षर के लिए थे। बताया कि प्रबंधक पर भरोसा करते हुए उन्हें चेक सौंप दिए थे।
यह है वायरल थार का किस्सा
कनखल निवासी कुणाल कौशिक ने पुलिस को दर्ज मामले में बताया कि तत्कालीन मैनेजर डीके पांडेय, लोन मैनेजर मनोज रावत, सचिन सैनी और अन्य सहयोगियों से आपस में मिलकर 25 मई वर्ष 2023 को एक थार वाहन उनकी ओर से किसी विनीत नाम के व्यक्ति को बेचना बताया गया है। साथ ही उन्हें लोन का भुगतान दिखाया गया है। कौशिक ने बताया कि उनके नाम पर आज तक कोई थार वाहन नहीं रहा है। बैंक ने फर्जीवाड़ा कर यह कृत्य उनके साथ किया है।
इन तीन लोगों के नाम पुलिस ने किया षडयंत्र रचने और धोखाघड़ी करने का मामला दर्ज
कोतवाली नगर पुलिस ने कनखल निवासी कुणाल कौशिक की तहरीर के आधार पर अल्मोड़ा अरबन कॉपरेट बैंक के तत्कालीन ब्रांच मैनेजर डीके पांडे, लोन मैनेजर मनोज रावत, सचिन सैनी के खिलाफ षडयंत्र रचने और धोखाघड़ी करने का मामला दर्ज किया है।