लक्सर नगर पालिका में वित्तीय अधिकार को लेकर गतिरोध गहराया: कर्मचारियों का वेतन, विकास कार्य और PM आवास योजना प्रभावित
अतीक साबरी:-हरिद्वार। लक्सर नगर पालिका में नए और निवर्तमान अधिशासी अधिकारी के बीच वित्तीय अधिकारों को लेकर उपजा विवाद गंभीर होता जा रहा है। नए अधिशासी अधिकारी को अब तक सिग्नेचर ऑथोरिटी नहीं मिल पाई है।
जिसके कारण पालिका का कामकाज पूरी तरह से ठप पड़ गया है। कोर्ट स्टे का हवाला देकर पूर्व अधिकारी सिगनेचर ऑथोरिटी नहीं दे रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, पूर्व अधिशासी अधिकारी न्यायालय से प्राप्त स्टे का हवाला देकर नए ईओ को चार्ज और वित्तीय अधिकार सौंपने से इनकार कर रहे हैं।
इस कानूनी पेंच के चलते, लक्सर नगर पालिका के नए अधिशासी अधिकारी के पास पदभार होने के बावजूद, वह वित्तीय मामलों में हस्ताक्षर करने में असमर्थ हैं। जबकि उनकी नियुक्ति शासन से हुई है। दीवाली से पहले कर्मचारियों का वेतन लटकाइस गतिरोध का सबसे बुरा असर पालिका कर्मचारियों और पालिका के विकास कार्यों पर पड़ रहा है।
सिग्नेचर ऑथोरिटी न मिलने के कारण कर्मचारियों का मासिक वेतन रुका पड़ा है। दीवाली जैसे महत्वपूर्ण त्योहार से ठीक पहले वेतन न मिलने से कर्मचारियों में गहरा रोष है। कर्मचारियों का कहना है कि वेतन के बिना वे दीवाली का त्योहार कैसे मना पाएंगे।
विकास कार्य ठप, PM आवास योजना के लाभार्थी परेशानवित्तीय अधिकारों के अभाव में नगर पालिका क्षेत्र के सभी विकास कार्य भी बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। नए कार्यों के लिए भुगतान और पुराने कार्यों के बिलों पर हस्ताक्षर नहीं हो पा रहे हैं, जिससे विकास परियोजनाओं पर ब्रेक लग गया है।
सबसे चिंताजनक स्थिति प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थियों की है। बिना सिग्नेचर के, आवास योजना की किस्तों का भुगतान भी रुका हुआ है। इससे सैकड़ों लाभार्थी अपने सपनों का घर बनाने के लिए पैसों के इंतज़ार में परेशान हैं।शासन से हस्तक्षेप की मांगनगर पालिका के इस गंभीर गतिरोध को देखते हुए लोगों ने उत्तराखंड शासन से तत्काल हस्तक्षेप करने की मांग की है।
उनका कहना है कि इस कानूनी और प्रशासनिक उलझन को जल्द से जल्द सुलझाया जाए ताकि कर्मचारियों को वेतन मिल सके और जनहित के रुके हुए कार्य दोबारा शुरू हो सकें।
कई सभासदों में भी इसको लेकर आक्रोश है। उनके वार्ड में काम नहीं हो पा रहे हैं। साफ सफाई का कार्य प्रभावित हो रहा है। उनका कहना है कि वेतन न मिलने से यदि कर्मचारियों ने हड़ताल कर दी तो दिवाली जैसे महत्वपूर्ण त्यौहार पर सफाई व्यवस्था पूरी ठप हो जाएगी और जनता का गुस्सा सभासदों को झेलना पड़ेगा।