रतनमणी डोभाल/विकास कुमार।
हरिद्वार में विकसित होने वाले तीन नए शहरों को बनाने की योजना अधर में लटक गई। आवास विकास विभाग ने जिन दस स्थानों का नए शहर बसाने के लिए चयन किया है, उसमें हरिद्वार का नंबर नहीं आया है। हरिद्वार में ये शहर बहादराबाद, रोशनाबाद और रुडकी में विकसित किए जाने थे। नए शहरों को बसाने की योजना के बनने के बाद इन इलाकों में प्रोपर्टी की कीमतों में तेजी आ गई थी। आखिर हरिद्वार के चयन ना होने के पीछे क्या कारण रहा। Property in Haridwar Three New cities scheme of HRDA
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23 में से 10 स्थानों का हुआ चयन
शहरी विकास मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल ने मंगलवार को नई टाउनशिप को लेकर बैठक की, जिसमें विस्तार से चर्चा की गई। पहले प्रदेश में 23 स्थानों पर नए शहरों को बसाने का के लिए चयन किया गया था। जिनमें गढवाल मंडल में 12 स्थान थे और कुमांउ में 11 स्थानों का चयन किया गया था। लेकिन दूसरी सूची में 15 ही स्थानों का चयन किया गया और आखिर में दस स्थानों का चयन किया गया। जिन पर अब कंपनी को नई टाउनशिप बनाने के लिए काम करने के लिए कह दिया गया है।
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इन जनपदों में बनेंगे नए शहर
जिन 10 शहरों का चयन किया गया है उनमें देहरादून के डोईवाला, छरबा सहसपुर, आर्केडिया शामिल हैं। इसके अलावा उधम सिंह नगर में पराग फार्म किच्छा, रुद्रपुर और काशीपुर का चयन हुआ है। नैनीताल में रामनगर और हल्द्वानी गोलापार का चयन हुआ है। चमोली में गोचर और पिथौरागढ में नैनी—सैनी एयरपोर्ट स्थानों का चयन नई टाउनशिप के लिए किया गया है।
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हरिद्वार में तीन शहरों के लिए हुई थी 2255 हेक्टेयर लैंड चिन्हित
हरिद्वार में तीन नए शहरों को बसाने के लिए हरिद्वार रुडकी विकास प्राधिकरण ने बहादराबाद के अतमलपुर बौंग्ला गांव के पास नया शहर बनाने के लिए यहां 1478 हेक्टेयर जमीन चिन्हित की थी। इसके अलावा रोशनाबाद में दूसरी टाउनशिप के लिए 761 हेक्टेयर जमीन और रुडकी के आसफनगर में 16 हेक्टेयर लैंड चिन्हित थी। लेकिन अब हरिद्वार में नए शहर बसाने की योजना फिलहाल अधर में लटक गई है। हालांकि सूत्रों का कहना है कि भविष्य में हरिद्वार का नंबर आ सकता है। लेकिन तब तक हरिद्वार में इन जगहों पर जमीन बचेगी ये कह पाना मुश्किल है।
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हरिद्वार क्यों हुआ बाहर
वहीं हरिद्वार सहित 23 में से अन्य स्थानों को बाहर करने की कोई ठोस वजह सामने नहीं आई है। लेकिन बताया गया है कि जमीन की उपलब्धता और दूसरी योजनाओं व अन्य कारणों से 23 में से सिर्फ 10 शहरों को ही विकसित करने के लिए चुना गया है। इस संबंध में हरिद्वार रुडकी विकास प्राधिकरण के अधिकारी फिलहाल और ज्यादा जानकारी जुटाने में लगे हुए हैं।
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प्रोपर्टी कारोबार में आया था बूम
वहीं दूसरी ओर हरिद्वार रुडकी विकास प्राधिकरण के तीन नए शहरों को बनाने की योजना से हरिद्वार के प्रोपर्टी कारोबार में तेजी आ गई थी। प्रोपर्टी एक्सपर्ट सुनील अरोडा ने बताया कि नई योजना से प्रोपर्टी में तेजी आई थी। बहादराबाद में खासतौर पर जमीन 40 प्रतिशत तक महंगी हो गई थी। हालांकि वहां रिंग रोड और पतंजलि के कारण तेजी अभी भी है लेकिन तीन नए शहरों को विकसित करने की योजना अधर में होने के कारण प्रोपर्टी की कीमतों में तेजी रुक जाएगी।
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