रतनमणी डोभाल।
विश्व हिंदू परिषद की दो दिवसीय केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल की बैठक में रविवार के वीएचपी के राष्ट्रीय महामंत्री मिलिंद परांदे ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए बैठक में हुए फैसलों की जानकारी दी। इस दौरान उन्होंने कहा कि सरकार के नियत्रंण वाले देश भर में जितने भी मंदिर के उन मंदिरों पर सरकारी कब्जे को वीएचपी स्वीकार नहीं करती है। बैठक में इस पर संतों ने चर्चा कर निर्णय लिया कि मंदिरों को चलाने के लिए हिंदू समाज को ही देना चाहिए। साथ ही इन मंदिरों में आने वाली राशि का प्रयोग सिर्फ हिंदुओं के लिए ही प्रयोग होना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस संबंध में देश भर में जनजागरण अभियान चलाया जाएगा।
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धर्मांतरण पर बने कानून
वहीं वीएचपी ने धर्मांतरण पर भी केंद्रीय स्तर पर ठोस कानून बनाने की मांग की है। साथ ही ऐसे तत्वों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की है। वहीं ईसाई मिशनरियोंं की गतिविधियों को रोकने के लिए संत ऐसे इलाकों में धर्म प्रसार और सेवा का काम करेंगे। वीएचपी ने साफ कि अयोध्या, काशी और मथुरा पर उनकी पहले वाली राय ही कायम है और वो इनके लिए संघर्ष करते रहेंगे। उन्होंने कश्मीर में हिंदुओं की हत्या और देश भर में हो रही हिंसा की घटनाओं पर सरकार से कडी कार्रवाई करने का समर्थन किया है।
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