रतनमणी डोभाल/विकास कुमार/ऋषभ चौहान।
उत्तराखण्ड चुनाव में करारी हार के बाद धराशायी हुई कांग्रेस अब पूरी तरह समाप्त होने के कगार पर बढ़ गई है। प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष की घोषणा के बाद कांग्रेस में कोहराम मचा हुआ है। कांग्रेस के सीनियर नेता प्रीतम सिंह से दूसरे कई विधायक हाईकमान के फैसले से खासे नाराज हैं और जल्द ही कुछ बदलाव नहीं हुआ तो कांग्रेस के 19 विधायकों में में भी दो फाड़ हो सकते हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कांग्रेस के तीन विधायक भाजपा के संपर्क में हैं, हालांकि इनकी संख्या ज्यादा भी बताई जा रही है। उधर, गढवाल के कांग्रेस विधायकों जिनमें हरिद्वार के विधायक भी शामिल हैं इनकी एक बैठक देहरादून में बुधवार को होने की संभावना है, जिसमें आगे की रणनीति पर निर्णय लिया जा सकता है। Harish Rawat Pritam Singh dispute in congress uttarakhand
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क्या कहते हैं वरिष्ठ पत्रकार
वरिष्ठ पत्रकार अवनीश प्रेमी ने बताया कि हाईकमान के चुनाव से पहले और चुनाव के दौरान लिए गलत फैसलों के कारण कांग्रेस को भारी नुकसान हुआ है। इसमें कोई दो राय नहीं है। लेकिन, कांग्रेस के नए फैसले से तो कांग्रेस पूरी तरह बिखरती दिख रही है। कांग्रेस के कुछ विधायक भाजपा के संपर्क में हैं। वहीं प्रीतम सिंह अपनी नाराजगी जगजाहिर कर चुके हैं। करण माहरा से हरीश रावत भी खुश नहीं हैं। उधर, गढवाल की अनदेखी ने यहां के विधायकों में भी गुस्सा पैदा कर दिया है। आने वाले कुछ दिन उत्तराखण्ड कांग्रेस के लिए महत्वपूर्ण होने जा रहे हैं।
वहीं वरिष्ठ पत्रकार राव शफात अली ने बताया कि कांग्रेस की कमजोर स्थिति अपने ही फैसलों के कारण हो रही है। लेकिन ये भाजपा के लिए वरदान से कम नहीं है। भाजपा को पूरे पांच साल विपक्ष के हमलों से दो चार नहीं होना पडेगा। अब ये देखना होगा कि कांग्रेस के इस खालीपन को कौन सी पार्टी या कौन या दल भरेगा। फिलहाल कांग्रेस के 19 विधायकों में बने चार—पांच गुटों के कारण 2024 में उत्तराखण्ड से कांग्रेस को उम्मीद नहीं लगानी चाहिए।
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